Himachal Pradesh News: बीजेपी नेता बिक्रम सिंह ने की आपत्तिजनक नारेबाजी की निंदा, CM सुक्खू और उनकी पत्नी के खिलाफ लगे थे नारे
Himachal Pradesh: पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर की मौजूदगी में रक्कड़ और कोटला में एसडीएम कार्यालय बंद करने को लेकर प्रदर्शन हुआ. इस प्रदर्शन की अगुवाई स्थानीय विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर खुद कर रहे थे.
Sukhvinder Singh Sukhu Sloganeering: जिला कांगड़ा के जसवां परागपुर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) और उनकी धर्म पत्नी के खिलाफ लगे आपत्तिजनक नारों की निंदा की है. पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों ने रोष में नारे लगाए, लेकिन यह इस तरह की नारेबाजी करना गलत है. उन्होंने इस तरह की नारेबाजी की कड़ी निंदा की है.
जसवां परागपुर के विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि नारेबाजी करना तो गलत है, लेकिन पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह मनकोटिया को भी यह जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका पुतला क्यों जलाया. बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि रक्कड़ और कोटला में एसडीएम कार्यालय को बंद करना सरकार का सरासर गलत फैसला है.
क्या है मामला?
शनिवार को जिला कांगड़ा की जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर की मौजूदगी में रक्कड़ और कोटला में एसडीएम कार्यालय बंद करने को लेकर प्रदर्शन हुआ. इस प्रदर्शन की अगुवाई स्थानीय विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर खुद कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, लेकिन तभी अचानक कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री और उनकी धर्मपत्नी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों के साथ नारेबाजी शुरू कर दी. जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कांग्रेस ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया. अब पूर्व उद्योग मंत्री और मौजूदा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने मामले में स्पष्टीकरण दिया है.
सीएम सुक्खू की पत्नी के लिए भी किया गलत शब्दों का इस्तेमाल
बता दें कि जसवां परागपुर में प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को कभी मामा तो कभी जीजा कह कर नारेबाजी की. इतना ही नहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी धर्मपत्नी के लिए भी गलत शब्दों के इस्तेमाल के साथ नारेबाजी की. इसी प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुक्खू चाचा मर गया के नारे लगाए. हालांकि हैरानी की बात ये है कि कार्यकर्ताओं के सामने खड़े पूर्व उद्योग मंत्री ने उन्हें ऐसा करने से क्यों नहीं रोका