(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Pradesh: कंपनी और ट्रक यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक में बनी सहमति, जल्द तय होगा माल-भाड़े का फॉर्मूला
Himachal Pradesh News: साल 2005 में माल-भाड़े को लेकर हाईकोर्ट ने भी गाइडलाइन जारी की थी. कंपनी का कहना है कि हाईकोर्ट की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसमें माल-भाड़ा बहुत ज्यादा है.
Himachal Pradesh Cement Plant News: हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के बरमाना और जिला सोलन दाड़लाघाट में सीमेंट प्लांट बंद हुए पांच दिन से ज्यादा का समय हो गया. बीते दिनों बिलासपुर और सोलन में उपायुक्त के साथ तीन दौरे की वार्ता में कोई हल नहीं निकल सका. इसके बाद शुक्रवार को राजधानी शिमला में ट्रांसपोर्ट प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई.
इस बैठक में कंपनी और ट्रक यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. यह बैठक प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई. बैठक में दोनों पक्ष प्लांट शुरू करने को लेकर सैद्धांतिक रूप से तैयार हो गए हैं. आने वाले 10 दिनों में दोनों ही प्लांट शुरू होने की संभावना है.
सीमेंट प्लांट जल्द शुरू होने की संभावना
बैठक के बाद ट्रांसपोर्ट प्रधान सचिव आरडी नजीम ने कहा कि माल-भाड़े को लेकर कंपनी और ट्रक यूनियन के बीच विवाद चल रहा है. साल 2005 में माल-भाड़े को लेकर हाईकोर्ट ने भी गाइडलाइन जारी की थी. हालांकि मौजूदा वक्त में दिया जा रहा माल-भाड़ा उसके मुताबिक नहीं है. कंपनी का कहना है कि हाईकोर्ट की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसमें माल-भाड़ा बहुत ज्यादा है. ऐसे में उसे पूरा कर पाना संभव नहीं है.
सरकार ने दोनों पक्षों को समझाया है कि माल-भाड़े को तय करने के लिए जल्द फार्मूला तैयार किया जाए. इसके बाद दोनों पक्षों में सहमति बन गई है. सोलन के सीमेंट प्लांट को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनी है, जबकि बिलासपुर के बरमाना सीमेंट प्लांट में काम करने वाले ट्रक ऑपरेटरों ने जनरल हाउस बुलाने की बात कही. जनरल हाउस में ऑपरेटर जो तय करेंगे, उसकी जानकारी जिला उपायुक्त बिलासपुर को दे दी जाएगी. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद दोनों पक्षों में सहमति हो जाएगी और जल्द ही दोनों प्लांट भी शुरू हो जाएंगे.
क्या है विवाद?
मौजूदा वक्त में सीमेंट प्लांट से ढुलाई के लिए ट्रक ऑपरेटर पहाड़ी इलाकों में 10 रुपए प्रति टन जबकि मैदानी इलाकों में 6.4 रुपए प्रति टन भाड़ा लेते हैं. कंपनी का कहना है कि इतने अधिक भाड़े की वजह से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है. कंपनी चाहती है कि ट्रक ऑपरेटर भाड़े को 6 रुपए प्रति टन कर दें. जब दोनों पक्षों के बीच भाड़े को लेकर विवाद हुआ, तो कंपनी ने नुकसान का हवाला देते हुए दोनों सीमेंट प्लांट को बंद कर दिया. दोनों पक्षों के बीच हुए विवाद को सरकार सुलझाने की कोशिश कर रही है.