Himachal Pradesh News: साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार अपने संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है. भारतीय जनता पार्टी आज शिमला (Shimla) मंडल का नया अध्यक्ष चुनने जा रही है. इसके लिए शिमला के होटल ध्रुव में दोपहर 2:30 बजे वोटिंग शुरू होगी. चुनाव भले ही शिमला मंडल का हो, लेकिन इस चुनाव पर प्रदेश भर के सियासी दिग्गजों की नजर है. चूंकि शिमला मंडल पावर सेंटर माना जाता है. ऐसे में मंडल अध्यक्ष का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.


शिमला हिमाचल प्रदेश की भी राजनीति का केंद्र है. ऐसे में सियासी दिग्गजों की नजर शिमला मंडल अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव पर लगी हुई है. बीजेपी का शिमला मंडल अध्यक्ष बनने के लिए कई नेता रेस में हैं. इसके लिए लगातार लॉबिंग भी की जा रही है. मंडल अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के अंदरूनी गुट भी एक्टिव होकर काम कर रहे हैं. मंडल अध्यक्ष के चुनाव में पूर्व मीडिया प्रभारी राजू ठाकुर, वॉर्ड प्रभारी राजीव पंडित, पूर्व पार्षद सुनील धर, पूर्व युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष श्रवण शर्मा, नगर निगम शिमला चुनाव लड़े संजीव चौहान और राजीव सूद का नाम चर्चा में है.


 राजेश शारदा मौजूदा शिमला मंडल अध्यक्ष
मौजूदा वक्त में पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज के खास माने जाने वाले राजेश शारदा शिमला मंडल के अध्यक्ष हैं. पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज का गुट शिमला मंडल से अपनी पकड़ ढीली नहीं होने देना चाहता. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि भारद्वाज समर्थक ही शिमला मंडल का नया अध्यक्ष बने. इस बीच दूसरा गुट भी लगातार अपने पसंदीदा नाम को आगें लाकर धाक जमाने की कोशिश में है. शुक्रवार को भी दिन भर सभी नेता अपने गुट के लोगों को साधने की कोशिश के साथ रूठों को मनाने की कोशिश में लगे रहे. हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकार मानते हैं कि बीजेपी शिमला मंडल में ही दो गुट लगातार सक्रिय होकर काम कर रहे हैं.


कौन से दो गुट हैं सक्रिय
इनमें एक गुट पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, जबकि एक गुट शिमला संसदीय क्षेत्र के सह प्रभारी संजय सूद का है. दिसंबर, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज का टिकट शिमला से बदलकर कसुम्पटी शिफ्ट किया गया. उनकी जगह संजय सूद को पार्टी ने शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा. दोनों नेताओं के बीच लंबे वक्त से सियासी तकरार देखने को मिलती ही रही है.


ऐसे में दोनों नेता शिमला में अपना वर्चस्व स्थापित करने की जंग में भी लगातार लगे हुए हैं. देखना दिलचस्प होगा कि शिमला मंडल अध्यक्ष की जंग कौन जीतेगा? क्योंकि यह जंग मंडल अध्यक्ष से बढ़कर पार्टी के दो बड़े चेहरों के आपसी वर्चस्व की है.


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