Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के करीब 4700 जिला परिषद कैडर कर्मचारी बीते 12 दिनों से हड़ताल पर हैं. हड़ताल कर रहे कर्मचारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में मर्जर की मांग कर रहे हैं. इन कर्मचारियों का तर्क है कि यह लंबे वक्त से विभाग को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में सरकार को अब अपने वादे के मुताबिक इनका मर्जर विभाग में कर देना चाहिए. जिला परिषद कैडर कर्मचारियों के समर्थन में अब बीजेपी (BJP) भी मैदान में आ गई है.
हिमाचल बीजेपी के वरिष्ठ नेता महेंद्र धर्माणी ने सरकार पर संवेदनहीन होने के आरोप लगाए हैं. महेंद्र धर्माणी ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जिला परिषद कैडर कर्मचारियों से वादा किया था कि वह इन कर्मचारियों का मर्जर विभाग में कर देंगे. ऐसे में अब सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से प्रदेश की करीब 3300 पंचायत में काम प्रभावित हो रहा है. 2 अक्टूबर को प्रस्तावित ग्राम पंचायत इन्हीं कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से नहीं हो सकी.
कैबिनेट सब-कमेटी के गठन पर हो रहा विचार
पेन डाउन स्ट्राइक पर गए जिला परिषद कैडर कर्मचारियों पर विभाग ने 'नो वर्क, नो पे' का नियम लागू कर दिया है. जब तक यह कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे, तब तक इन्हें वेतन भी नहीं दिया जाएगा. हिमाचल प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा है कि सरकार इन कर्मचारियों की मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है. मामले में कुछ कानूनी पेचीदिगियां हैं. इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी के गठन पर विचार किया जा रहा है.
मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों से मांग की गई है कि वे काम पर वापस लौट आएं और बातचीत के जरिए बीच का रास्ता निकालकर मसले को हल करें. लेकिन कर्मचारी बिना मर्जर की मांग के वापस काम पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं.
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