Himachal Pradesh News: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नजर आए BJP नेता आश्रय शर्मा, लोग बोले- फिर बदल लो पार्टी
Himachal Pradesh: आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा कांग्रेस और बीजेपी दोनों की टिकट पर ही जीत हासिल कर चुके हैं. साल 2019 में आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए.
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Aashray Sharma Meet CM Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं. दिल्ली में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नजर आए. बीजेपी नेता आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया पर सीएम सुक्खू के साथ तस्वीर शेयर कर लिखा, "आज सुखविंदर सिंह सुक्खू माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश से मिले और बधाई दी".
सोशल मीडिया पर यूजर्स का आश्रय शर्मा पर 'तंज'
इस पर सोशल मीडिया में यूजर्स ने आश्रय शर्मा पर तंज कसते हुए टिप्पणी की. लोगों ने कहा कि आप फिर कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं. एक यूजर ने लिखा बदल लो पार्टी. एक अन्य यूजर ने लिखा कहीं फिर कांग्रेस में जाने का मन तो नहीं कर रहा. गौरतलब है कि आश्रय शर्मा 20 अक्टूबर को ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. वे पूर्व मंत्री पंडित संत राम के पोते और पूर्व मंत्री अनिल शर्मा के बेटे हैं.
मंडी सदर की सीट को पंडित संत राम का गढ़ माना जाता है. आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की टिकट पर ही जीत हासिल कर चुके हैं. साल 2019 में आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें पंडित राम स्वरूप शर्मा से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
आश्रय शर्मा का राजनीतिक करियर
साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. उन्होंने बीजेपी की टिकट पर मंडी सदर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. तत्कालीन वीरभद्र सरकार में अनिल शर्मा ऊर्जा मंत्री थे और साल 2017 में बीजेपी की सरकार आने पर भी उन्हें ऊर्जा मंत्री का ही दायित्व सौंपा गया.
इस विधानसभा चुनाव में आश्रय शर्मा ने पिता अनिल शर्मा का जमकर प्रचार किया. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आश्रय शर्मा दादा पंडित संत राम के साथ दिल्ली पहुंचे. यहां से उन्होंने मंडी लोकसभा चुनाव के लिए अपने टिकट फाइनल करवाया और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा. बेटे आश्रय शर्मा के इस कदम से अनिल शर्मा की राजनीति पर खतरा मंडरा गया.
2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आए आश्रय शर्मा
अनिल शर्मा ने धर्म संकट के बीच न तो बेटे का प्रचार किया और न ही बीजेपी का. कुछ समय बाद अनिल शर्मा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन वह बीजेपी के विधायक बने रहे. विधानसभा चुनाव से पहले पंडित अनिल शर्मा ने सार्वजनिक मंचों पर कई बार अपनी नाराजगी जाहिर की. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी अनिल शर्मा को बीजेपी का टेक्निकल विधायक कहकर तंज करते रहे.
चुनाव से ठीक पहले अनिल शर्मा और बीजेपी में बात बन गई. अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने भी 20 अक्टूबर को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण कर ली. इस चुनाव में मंडी सदर से अनिल शर्मा को तो जीत मिल गई, लेकिन बीजेपी अपनी सरकार नहीं बना सकी.
अब दिल्ली में आश्रय शर्मा की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात चर्चाओं को जन्म दे रही है. आश्रय शर्मा के दादा पंडित संत राम ने ही साल 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन किया था. इस चुनाव में पार्टी को 5 सीट पर जीत मिली और पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस के समर्थन से ही प्रदेश में बीजेपी की पूरे 5 साल तक सरकार चली. पंडित संत राम की पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ सियासी जंग भी जग जाहिर रही है.
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