Himachal Pradesh News: साल 1992 में 6 दिसंबर के दिन ही बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था. अयोध्या में कारसेवकों ने जुटकर उस ढांचे को गिरा दिया था, जिसे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था. इसके बाद देश भर में सांप्रदायिक तनाव भी देखा गया और उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर भी बड़ी परेशानी खड़ी हो गई थी.


देश के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने उत्तर प्रदेश की सरकार को भंग कर दिया. इस घटना का असर उत्तर प्रदेश तक सीमित न रहकर उन राज्यों पर भी हुआ, जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी.


चार बीजेपी शासित राज्यों में बर्खास्त हुई थी सरकार
केंद्र में तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार की सिफारिश पर उस वक्त के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने कानून-व्यवस्‍था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार, हिमाचल प्रदेश की शांता कुमार सरकार, राजस्‍थान की भैरों सिंह शेखावत सरकार और मध्य प्रदेश की सुंदर लाल पटवा सरकार को बर्खास्त कर दिया था. 


हिमाचल प्रदेश के पूर्व शहरी विकास मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज कहते हैं कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक्त हिमाचल प्रदेश में एक पत्ता तक भी नहीं हिला था. कानून-व्यवस्था खराब होने की बात तो दूर तक नहीं थी. इसके बावजूद राजनीतिक द्वेष की वजह से हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार को भंग किया गया. हालांकि आज इस बात की खुशी है कि लंबे संघर्ष के बाद राम लला का मंदिर बनकर तैयार हुआ है.


बीजेपी को सत्ता वापसी करने में लग गए थे छह साल
हिमाचल प्रदेश में 15 दिसंबर, 1992 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. करीब एक साल तक राष्ट्रपति शासन के बाद जब राज्य में चुनाव हुए, तो सत्ता में भाजपा की नहीं बल्कि कांग्रेस की वापसी हुई. 3 दिसंबर 1993 को वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान संभाली. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी को सत्ता वापसी के लिए छह साल का इंतजार करना पड़ा. 


साल 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी की और राज्य में प्रो. प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने.


हिमाचल के मौजूदा राज्यपाल कल्याण सिंह सरकार में थे मंत्री
6 दिसंबर 1992 को जिस वक्त बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ, उस वक्त हिमाचल प्रदेश के मौजूदा राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार में खेल मंत्री थे. इसी दिन शिव प्रताप शुक्ल ने उन खिलाड़ियों के सम्मान में भोज दिया था, जो गोरखपुर में ऑल इंडिया बैडमिंटन चैंपियनशिप के लिए पहुंचे थे. यही उन्हें पता चला कि बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहा दिया गया है. 


19 जनवरी 2024 को एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बताते हैं- "गोरखपुर में ही इस घटना की जानकारी मिली. पता चला कि विवादित ढांचा गिर गया है और सरकार चली भी गई है. इस बात का जरा भी दु:ख नहीं कि सरकार चली गई. विधायक रहते हुए जिस राम मंदिर के लिए जेल तक गए, यह उसका पहला कदम था. तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी ने कहा था कि सरकार आती-जाती रहती हैं. हमें इस बात की प्रसन्नता है कि हमारी सरकार राम जन्मभूमि के काम आई".