Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने रविवार को नादौन में कहा कि उनकी सरकार का पहला बजट ‘जन-केंद्रित’ होगा और एक साल में सभी बदलाव दिखाई देंगे. उन्होंने कहा कि राज्य की संपूर्ण वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रख रही है और इसे पटरी पर लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. सीएम सुक्खू ने अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एक साल इंतजार कीजिए, व्यवस्था में बदलाव नजर आएगा.
सीएम ने कहा कि सरकार राज्य के हर व्यक्ति के कल्याण के वास्ते काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले दिन में सुक्खू ने सलोनी से दियोटसिद्ध मार्ग को ‘डबल लेन’ बनाने की भी घोषणा की. उन्होंने राज्य में मादक पदार्थ और खनन माफियाओं को भी चेतावनी दी और संकेत दिया कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के युवाओं के साथ नौकरी के नाम पर धोखा न हो. दरअसल, हिमाचल प्रदेश में घटता राजस्व और बढ़ता खर्चा सरकार के लिए चिंता का विषय है. 2018-19 में सरकार पर 50 हजार 773 करोड़, 2019-20 में 56 हजार 107 करोड़, 2020-21 में 60 हजार 993 करोड़ और चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक तक 69 हजार 200 करोड़ का कर्ज है.
पूर्व सरकार का बजट 50 हजार करोड़ से ऊपर था
पूर्व सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 50 हजार 300 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था. इस बार इस बजट के और अधिक बढ़ने का अनुमान है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह पहला बजट है. सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही मुख्यमंत्री एक बात पर जोर डालते आए हैं कि उनकी सरकार का विजन पहले बजट में नजर आएगा. ऐसे में जानकारों के साथ आम जनता की नजर भी बजट पर लगी हुई है. इस बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का वजन नजर आएगा. यही वजह है कि सरकार ने आम जनता से भी राय लेने का मन बनाया है, ताकि बजट को लोक केंद्रित बनाया जा सके.