Himachal Pradesh Budget Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) के बजट सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा देखने को मिला. विपक्ष ने विधायक निधि को लेकर नियम-67 स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा मांगी. इस दौरान पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस देखने को मिली. विपक्ष ने सरकार पर विधायक निधि होकर जनता का अधिकार छीनने का आरोप लगाया. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी (BJP) विधायक विपिन सिंह परमार (Vipin Singh Parmar) ने नियम-67 के तहत विधानसभा सचिवालय में नोटिस दिया था. उनके साथ कुल नौ विधायकों ने नियम-67 के तहत चर्चा मांगी.


विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि सरकार जनता का अधिकार छीनने का काम कर रही है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विचाराधीन है. प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये कर्ज हैं. कांग्रेस विधायकों ने भी रुकी हुई विधायक निधि को जल्द बहाल करने की मांग उठाई है.


बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने उठाए सवाल


इस पर बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि विपक्ष में नियमों के तहत काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उपयोगी फंड को बंद कर दिया. पिछली बीजेपी सरकार ने तीन किस्त जारी कर दी थी, लेकिन अब चौथी किस्त जारी नहीं हो रही है. उन्होंने पूछा कि जनता का काम करने के लिए विधायक पैसा कहां से लेकर आएं.


विपक्ष में जाने का दर्द नहीं सह पा रही बीजेपी- अग्निहोत्री


इसके बाद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री खड़े हुए. उन्हें बोलने के दौरान बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि बीजेपी विपक्ष में जाने का दर्द सह पा रही है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल में 27 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने से पहले यह देखा जाना चाहिए कि बीजेपी सरकार में भी चेयरमैन की फौज खड़ी की गई थी. इस पर विपक्ष ने 'विधायक निधि बहाल करो' के नारे लगाए और पक्ष की तरफ से 'बजट का इंतजार करो' के नारे लगाए गए.


लोगों को परेशानी का करना पड़ रहा सामना- जयराम ठाकुर


वहीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक निधि जारी न होने की वजह से काम रुक गया है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सदन में जवाब देते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश व्यवस्था परिवर्तन की राह पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार के वक्त पंचायत घर में कॉलेज बनाने का काम किया गया. आखिरी छह महीने में जो संस्थान खोले गए, उससे अतिरिक्त बोझ पड़ा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल्द आर्थिक बदहाली को लेकर श्वेत पत्र लाने वाले हैं.


सीएम सुक्खू ने विधायक निधि की बहाली को लेकर क्या कहा?


सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि पिछली बीजेपी सरकार ने चुनावी फायदा लेने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की, लेकिन एक भी योजना के बजट का प्रावधान नहीं किया गया. सीएम ने कहा कि प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है. सीएम ने कहा कि उन्होंने विधायक निधि बंद नहीं की है. विधायक निधि सिर्फ कुछ समय के लिए रोकी गई है. उन्होंने कहा कि सभी विधायक सेवा भाव से यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद विधायक निधि बहाल करने पर फैसला लिया जाएगा.


CM के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉक आउट


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक निधि को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे. इसके बाद बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए. फिर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने स्थगन प्रस्ताव को निरस्त कर दिया.


ये भी पढ़ें- Himachal News: मणिकर्ण हुड़दंग पर सरकार ने हाईकोर्ट को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट, दिया यह जवाब