Himachal Pradesh Budget 2024: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर वित्त मंत्री शनिवार (17 फरवरी) को अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश किया. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कई बड़ी घोषणाएं की है. उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2024 से हिमाचल प्रदेश सरकार गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपये और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये करेगी. बजट में बुजर्गों की पेंशन राशि में भी बढ़ोत्तरी की गई है.
हिमाचल बजट प्रदेश के पुलिसकर्मियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है. दरअसल, बतौर वित्त मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि साल 2024-25 के बजट में पुलिस को मिलने वाली मासिक डाइट मनी में 5 गुना बढ़ोतरी की जा रही है. अब पुलिस जवानों को 210 रुपए की जगह एक हजार रुपए डाइट मनी मिलेगी. इससे प्रदेश के 18 हजार पुलिसकर्मी लाभान्वित होंगे.
गोल्ड लाने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के लिए 58 हजार 444 करोड़ रुपये का बजट सामने रखा. मुख्यमंत्री ने बजट में मनरेगा मजदूर, किसान और पर्यटन समेत कई अन्य मुद्दों को प्राथमिकता के तौर फोकस किया है. कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड लाने वाले खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपए की राशि देने का एलान किया गया है. खेल में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों के लिए एसी कोच का किराया सरकार की ओर से भुगतान किया जाएगा. इसके साथ ही सिल्वर मेडल पर 30 लाख की जगह 2 करोड़ और कांस्य पर 20 लाख की जगह अब एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी.
बुजर्गों की पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी
इसके साथ ही बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुजुर्गों को तोहफा दिया है. बुजर्गों की पेंशन राशि में बढ़ोत्तरी की गई है. 60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए पेंशन की राशि तीन हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दी गई है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अब दस हजार मानदेय देने का फैसला लिया गया है.
प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर प्रयास
वहीं, ऑनलाइन चालान के लिए कर्मचारियों को POS मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी. प्रदेश में चलने वाली सभी गाड़ियों का फिटनेस अनिवार्य कर दिया गया है. अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए नई पॉलिसी 2024 लाई जाएगी. माइंस एंड मिनरल्स पॉलिसी भी नए सिरे से तैयार की जाएगी. प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर प्रयास के तहत 327 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक वाहन में कन्वर्ट किया जाएगा. करीब 230 किलोमीटर सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग किया जाएगा. इसके साथ ही उद्योग नीति में भी बदलाव किए जाने की बात कही गई है.
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