Himachal Budget: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने पेश किया अनुपूरक बजट, जानें- बड़ी बातें
Himachal Pradesh Budget: सीएम सुखविंदर सिंह ने शुक्रवार को सदन में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों की किस्त प्रस्तुत की. मुख्यमंत्री ने 10 हजार 307 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया.
Himachal Pradesh Budget Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) 17 फरवरी को 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने आज (16 फरवरी) को साल 2023-24 का अनुपूरक बजट पेश किया. अनुपूरक बजट में 10 हजार 307 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इनमें 7267.41 करोड़ राज्य और 3040.18 करोड़ रुपये केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए हैं.
इससे पहले साल 2023-24 के लिए राज्य सरकार की ओर से 53 हजार 413 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया था. हर बार राज्य सरकार अगला बजट पेश करने से पहले अनुपूरक बजट पेश करती है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से पेश किए गए अनुपूरक बजट में वेज और मिंस ओवरड्राफ्ट के लिए राज्य की स्कीमों के तहत 3367.67 करोड़, जल आपूर्ति और मल निकासी योजनाओं के लिए 696.44 लाख, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ के लिए 598.71 करोड़, हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए सहायता को 442.09 लाख वहीं विद्युत उपादान और एचपीसीएल को ऋण देने के लिए 372.66 करोड़ और अस्पताल निर्माण के लिए 279.3 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया.
इनके लिए रखे गए बजट
इसके अलावा सड़कों के लिए 215.02 लाख रुपये, पुलों के लिए 110.76 लाख रुपये बहुउद्देशीय भवनों, मिनी सचिवालय द्वारिका नई दिल्ली में राज्य अतिथि गृह के निर्माण कार्यालय भवन के रख रखाव के लिए 110.67 करोड़ रुपये, रेल परियोजनाओं के लिए 102.47 करोड़ 15वें वित्त आयोग के लिए रखे गए. सरकार की ओर से पेश किए गए अनुपूरक बजट में 96.25 करोड़ ब्याज अदायगी, 87.26 करोड़ बहु तकनीकी कॉलेज, आईटीआई, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, कॉलेज भवनों के निर्माण और वेतन अदायगी के लिए रखे गए. इसके अलावा 80.85 करोड़ रुपये आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए भी प्रावधान किया गया है.
राज्य सरकार ने 57.45 लाख वन विभाग की एकीकृत विकास परियोजना और जीका प्रोजेक्ट के लिए रखे. 55.95 करोड़ प्राकृतिक आपदा राहत का 7.43 करोड़ कौशल विकास निगम को अनुदान और राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना को लागू करने के लिए, 38.45 करोड़ रुपये पूर्व लंबित दायित्व और आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए रखे गए हैं.