Himachal Budget Session: शराब की बोतल पर मिल्क सेस से हिमाचल सरकार ने कमाए 90.77 करोड़, जानें- कहां होगी खर्च?
Himachal Pradesh Milk Cess: हिमाचल सरकार की तरफ से शराब की बोतल पर लगाए जा रहे सेस से लगभग 90 करोड़ 77 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है. साल के अंत ये कमाई 100 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.
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Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश सरकार शराब की हर बोतल पर 10 रुपये सेस (Milk Cess on Alcohol) वसूल कर रही है. प्रदेश सरकार की ओर से शराब की बोतल पर लगाए जा रहे इस सेस से राज्य सरकार को 90 करोड़ 77 लाख 99 हजार 232 रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है. वित्त वर्ष खत्म होने तक राज्य सरकार की मिल्क सेस यह कमाई 100 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. हिमाचल प्रदेश सरकार इस धनराशि को हिम गंगा परियोजना पर खर्च करेगी.
यह जवाब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गैर मौजूदगी में दिया. इस संबंध में सत्तापक्ष के सदस्य केवल सिंह पठानिया और विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा ने सवाल पूछा था. शराब की बोतल पर लगाए गए मिल्क सेस से सरकार को सबसे अधिक राजस्व जिला कांगड़ा से 16,52,65,533 रुपये प्राप्त हुआ है.
वहीं, बद्दी से 7,28,12,043 रुपये, बिलासपुर से 5,25,91,960 रुपये, चंबा से 5,33,82,839 रुपये, हमीरपुर से 4,62,54,983 रुपये, किन्नौर से 1,28,27,977 रुपये, कुल्लू और लाहौल से 7,28,15,491 रुपया, मंडी से 9,31,33,941 रुपये, नूरपुर से 3,76,72,112 रुपये, शिमला से 13,79,27,822 रुपये, सिरमौर से 4,49,36,927 रुपये, सोलन से 6,09,88,570 रुपये और जिला ऊना से 5,71,89,034 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है.
राजस्व में 40 फीसदी की बढ़ोतरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने जवाब में सदन को बताया कि इस वित्त वर्ष में प्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत की खुदरा दुकानों का ऑक्शन-कम-टेंडर से किया गया है. पूरे प्रदेश में शराब की खुदरा दुकानों की नीलामी रिजर्व प्राइस 1 हजार 446 करोड़ रुपये रखी गई थी. यह बढ़कर 1 हजार 815 करोड़ रुपये में नीलाम की गई. पिछले साल की तुलना में यह 40 फीसदी ज्यादा है. आबकारी नीति में संशोधन लाने से सरकारी राज्यों में 515 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है.
31 जनवरी तक 2 हजार 187 करोड़ रुपये का राजस्व
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार की ओर से आबकारी अधिनियम के अंतर्गत 2350.81 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें 31 जनवरी 2024 तक 2 हजार 187 करोड़ रुपये का राजस्व विभाग ने इकट्ठा भी कर लिया है. वित्त वर्ष 2023-24 के राजस्व की 70 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय पिछले साल 2022-23 के मार्च महीने में ही सरकारी खजाने में जमा भी करवा दी गई है.
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