Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में राजेश धर्माणी (Rajesh Dharmani) और यादविंदर गोमा (Yadvinder Goma) को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया है. दो मंत्रियों के शामिल होने के साथ, कैबिनेट मंत्रियों की संख्या अब 11 हो गई है. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला (Shiv Pratap Shukla) ने राजभवन में एक समारोह में नए शामिल मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई.


51 साल के राजेश धर्माणी पूर्व मुख्य संसदीय सचिव और घुमारवीं से तीन बार के विधायक हैं. राजेश धर्माणी इससे पहले वीरभद्र सरकार में भी मुख्य संसदीय सचिव रह चुके हैं. उनको मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बेहद करीबी माना जाता है. इससे पहले जनवरी 2023 में जब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था तो उसमें भी राजेश धर्माणी का नाम तय था, लेकिन अंतिम वक्त में उनका नाम सूची से बाहर हो गया. अब करीब एक साल के लंबे इंतजार के बाद राजेश धर्माणी का नाम दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में सामने आया है और कैबिनेट मंत्री बने हैं. इनके पास इंजीनियरिंग डिग्री है.



2017 का चुनाव हार गए थे यादविंदर गोमा 


इसके अलावा 37 साल के यादविंदर गोमा गोमा जयसिंहपुर से दो बार के विधायक हैं. साल 2012 और साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. साल 2017 का चुनाव यादविंदर गोमा हार गए थे. यादविंदर गोमा के पिता मिल्खी राम गोमा भी विधायक रहे हैं. साल 2012 में भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सबसे युवा विधायक बने थे. इनके पास एमबीए की डिग्री है.


राजेश धर्माणी ब्राह्मण वर्ग से संबंध रखते हैं, जबकि यादविंदर गोमा अनुसूचित जाति वर्ग से संबंध रखते हैं. जिला बिलासपुर से जीत हासिल करने वाले राजेश धर्माणी कांग्रेस के एकमात्र विधायक हैं. वहीं यादविंदर गोमा को कांगड़ा का क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल में जगह मिली है.


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