Himachal Cabinet Expansion: हिमाचल में फिर जगी मंत्रिमंडल विस्तार की आस, पूरी होगी हसरत या फिर होना पड़ेगा निराश
Himachal Pradesh Cabinet Expansion: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा जोरों पर है. 11 दिसंबर को सरकार का एक साल पूरे होने से पहले मंत्रिमंडल विस्तार संभावित है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार को 11 दिसंबर के दिन एक साल का वक्त पूरा हो रहा है. राज्य सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं. हाल ही में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार (Chaudhary Chandra Kumar) ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने 11 दिसंबर से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही है. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. ऐसे में वही इस बारे में फैसला लेंगे.
यह पहली बार नहीं है, जब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ हो. इससे पहले नवरात्रि, दशहरा और फिर दिवाली के मौके पर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती रही. इन मौकों से पहले भी कई बार मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल करने की चर्चाओं ने चर्चाओं से बाजार गर्म रहा. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में तीन सदस्यों के पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में लगातार इन पदों को भरे जाने पर चर्चाएं होती ही रहती हैं.
राजेश धर्माणी का मंत्री बनना तय
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बयान में कहा था कि वह बिलासपुर और कांगड़ा से मंत्रियों को अपने-अपनी कैबिनेट में शामिल करेंगे. बिलासपुर से कांग्रेस पार्टी का केवल एक ही विधायक जीता है. यहां घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से राजेश धर्माणी विधायक हैं. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह जिला बिलासपुर से जीतने वाले राजेश धर्माणी कांग्रेस के एकमात्र विधायक हैं. ऐसे में उनके मंत्री बनना तय माना जा रहा है, लेकिन पेंच जिला कांगड़ा में आकर फंस रहा है.
जिला कांगड़ा को अधिमान का इंतजार
जिला कांगड़ा की कुल 16 विधानसभा सीटों में से 10 पर कांग्रेस को जीत मिली है, लेकिन यहां केवल चौधरी चंद्र कुमार के रूप में एक ही मंत्री है. ऐसे में कांगड़ा के लोगों को भी मंत्रिमंडल विस्तार का लंबे वक्त से इंतजार है. हालांकि यहां से किशोरी लाल और आशीष बुटेल के रूप में दो मुख्य संसदीय सचिव सरकार में शामिल हैं. जानकारों का कहना है कि मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्रिमंडल में भारी क्षेत्रीय असंतुलन है.
सुधीर शर्मा को भी मंत्री पद की आस
जिला कांगड़ा से पूर्व वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे सुधीर शर्मा कैबिनेट में शामिल होने वाला सबसे बड़ा नाम है. वह एकमात्र ऐसे विधायक हैं जो वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में तो मंत्री रहे, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिल सका. इसके अलावा सुधीर शर्मा के ही खास दोस्त और जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वह दूसरी बार जयसिंहपुर से चुनाव जीते हैं. इसके अलावा जिला कांगड़ा से ही भवानी सिंह पठानिया और संजय रतन भी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले धुंधले नाम हैं. इन दो नाम से ढूंढ छंटेगी या नहीं, इसी पर सभी की नजरे हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का मौजूदा कैबिनेट
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
मुकेश अग्निहोत्री, उप मुख्यमंत्री
डॉ. धनीराम शांडिल, स्वास्थ्य मंत्री
चौधरी चंद्र कुमार, कृषि मंत्री
जगत सिंह नेगी, राजस्व मंत्री
रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री
अनिरुद्ध सिंह, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री
विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण मंत्री
हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव
हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए हैं. इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी शामिल हैं.
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