Vikramaditya Singh Youngest Minister: सरकार गठन के करीब एक महीने इंतजार के बाद हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को भी जगह मिली है. 34 वर्षीय विक्रमादित्य हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के सबसे युवा मंत्री हैं. विक्रमादित्य सिंह के पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनकी माता प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष होने के साथ—साथ मंडी की सांसद भी हैं.


शिमला के मशहूर बिशप कॉटन स्कूल से पढ़े हैं विक्रमादित्य


विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं. 17 अक्टूबर, 1989 को जन्मे विक्रमादित्य सिंह ने इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है. विक्रमादित्य सिंह की स्कूली शिक्षा शिमला शहर के मशहूर बिशप कॉटन स्कूल से पूरी हुई है. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा सेंट स्टीफन कॉलेज से की है.


दूसरी बार विधायक बने हैं विक्रमादित्य सिंह


जानकारी हो कि विक्रमादित्य सिंह साल 2013 से 2018 तक हिमाचल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. वर्ष 2017 में पहली बार विधायक बनने के बाद उन्हें पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी का सदस्य भी बनाया गया था. साल 2017 में सबसे युवा विधायक के तौर पर पहली बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचने वाले विक्रमादित्य सिंह ने विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन जयराम सरकार को कई मुद्दों पर घेरने का काम किया. विक्रमादित्य सिंह अक्सर पार्टी लाइन से हटकर बात करने के लिए जाने जाते हैं.


आलाकमान ने विक्रमादित्य को स्टार प्रचारकों की सूची में किया था शामिल


साल 2022 के विधानसभा चुनाव में विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी के प्रत्याशी को 13 हजार 860 वोट से करारी शिकस्त दी थी. वे साल 2017 के मुकाबले तीन गुना वोटों के मार्जिन से जीते हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने न केवल अपने क्षेत्र में प्रचार किया बल्कि वह हिमाचल प्रदेश के 15 विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करने गए. कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान ने विक्रमादित्य सिंह को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था. विक्रमादित्य सिंह युवाओं की पसंद माने जाते हैं. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर भी खास एक्टिव रहते हैं. वे अमूमन पार्टी लाइन से हटकर बात करने के लिए जाने जाते हैं. इसी वजह से वे न केवल सत्ता पक्ष बल्कि विपक्ष के लोगों की भी पसंद हैं.


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