Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने से पहले कांग्रेस (Congress) ने 5 लाख रोजगार देने का वादा किया था. कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र में पहले ही कैबिनेट में एक लाख रोजगार देने की बात कही गई थी. हिमाचल प्रदेश में 13 जनवरी को हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने रोजगार सृजन के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है. सोमवार को हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी शामिल हुए.


बैठक में सभी अधिकारियों से 15 दिन के अंदर खाली पड़े पदों और रिटायर होने वाले कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी गई है. बैठक में कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य जगत सिंह नेगी को भी शामिल होना था, लेकिन किन्नौर दौरे के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हो सके.


सरकार को आर्थिक बोझ के लिए भी रहना होगा तैयार


हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार इस बारे में विचार कर रही है. प्रदेश में एक लाख रोजगार देने के लिए पर अर्थव्यवस्था पर कितना बोझ पड़ेगा, इसकी भी रिपोर्ट मांगी गई है. अधिकारी 15 दिन में कैबिनेट सब कमेटी के सामने अपनी रिपोर्ट रखेंगे. 15 दिन के बाद एक बार फिर रोजगार सृजन के लिए कैबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी. इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए आगामी रणनीति तैयार होगी.


हिमाचल को आर्थिक तौर पर कंगाल बता चुके हैं कैबिनेट मंत्री


गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस पार्टी ने बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. विपक्ष में रहकर कांग्रेस ने विधानसभा सदन के अंदर भी सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने का काम किया था. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सरकार के सामने युवाओं को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती है. हिमाचल प्रदेश आर्थिक रूप से भी तंगी झेल रहा है. कैबिनेट के मंत्री पहले ही हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था की कंगाल होने की दुहाई दे चुके हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में एक लाख युवाओं के लिए रोजगार सृजित करना सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती रहने वाला है.


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