CITU Siege Parliament: संयुक्त ट्रेड यूनियन (CITU) ने केंद्र सरकार के चार श्रम कानूनों के खिलाफ मोर्चाबंदी कर ली है. संयुक्त ट्रेड यूनियन अगले साल 5 अप्रैल को संसद का घेराव करने जा रही है. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) शिमला (Shimla) में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच के आह्वान पर सीटू राज्य कमेटी ने मजदूरों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के जरिए सरकार की ओर से खत्म किए गए 44 श्रम कानून और नए लेबर कोड का विरोध जताया गया.


सरकार पर पूंजीपतियों को लाभ देने के आरोप


शिमला में प्रदर्शन के दौरान संयुक्त ट्रेड यूनियन (CITU) के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार मजदूरों के कानून पर हमला कर रही है. केंद्र सरकार ने हाल ही में मजदूरों के 44 कानून खत्म करके चार नए लेबर कोड (Labour Code) बनाने का काम किया, जो मजदूरों के खिलाफ हैं. उन्होंने CITU की तरफ से इन नए लेबर कोड की कड़े शब्दों में आलोचना की. विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में आकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona) काल का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार ने के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में भी आम जनता, मजदूर और किसानों के लिए के खिलाफ जाकर कारपोरेट जगत को फायदा पहुंचाया गया.


मजदूरों के हित में सोचे सरकार


संयुक्त ट्रेड यूनियन (CITU) ने सरकार से मांग की है की मजदूरों को ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, नियमित रोजगार, पेंशन, दुर्घटना लाभ और सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए. इसके साथ ही केंद्र सरकार से बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने की भी मांग उठाई गई है. संयुक्त ट्रेड यूनियन (CITU) ने रेहड़ी-फड़ी धारकों और तहबाजारी के लिए बनाए गए स्ट्रीट वेंडर एक्ट को सख्ती से लागू करने की भी मांग की है.


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