Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) सचिवालय न जाकर अनाथालय गए थे. 11 दिसंबर 2022 को शपथ लेने के 21 दिन बाद 1 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष की स्थापना की. इसके लिए उन्होंने 101 करोड़ रुपये का कोष भी स्थापित किया.


अब तक इतना धन हुआ जमा


हिमाचल प्रदेश में विभिन्न संस्थाओं और निजी मदद के बाद अब तक 67 लाख 15 हजार 953 रुपये सुखाश्रय सहायता कोष में जमा हो चुके हैं, लेकिन अब तक इसमें से किसी को भी मदद नहीं मिल सकी है. धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के सवाल पर विधानसभा में मिले लिखित जवाब से यह जानकारी मिली है. लिखित जवाब में बताया गया है कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष से लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.


क्या है सुखाश्रय सहायता कोष?


एक जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में निराश्रितों के लिए सुखाश्रय सहायता कोष की स्थापना की थी. इसके लिए सरकार की ओर से 101 करोड़ रुपये की राशि तय की गई थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के सभी विधायकों से अपना एक महीने का वेतन इस कोष में डालने का भी आह्वान किया था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार निराश्रितों को सहारा देने के लिए काम कर रहे हैं. हाल ही में पेश किए गए बजट में भी इन निराश्रितों के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं.


हिमाचल में लगेगा वॉटर सेस


वहीं इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपनी आय के स्रोत बढ़ाने के लिए वॉटर सेस लगाने का फैसला किया है. जिसे लेकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बिल भी पास कर लिया गया है. इसके खिलाफ हरियाणा और पंजाब सरकार ने विरोध भी किया है. इस पर गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में अपनी बात रखी.



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