Himachal Pradesh Cabinet Expansion: साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में जनादेश सुनाया. 11 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तो मिल गए, लेकिन प्रदेश की जनता को अब भी मंत्रिमंडल का इंतजार है. अमूमन मुख्यमंत्री की शपथ के साथ ही मंत्रिमंडल की भी शपथ हो जाती है. इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में देरी होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया है. हिमाचल प्रदेश में अभी केवल मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सरकार का संचालन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा सत्र के बाद होगा. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हिमाचल प्रदेश की जनता की उत्सुकता लगातार बढ़ती चली जा रही है.


मंत्री पद के दावेदारों की फेहरिस्त लंबी


हिमाचल कांग्रेस के कई कद्दावर विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री के साथ आलाकमान को मंत्रिमंडल तय करने में परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं. प्रदेश में अभी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद पर ही नियुक्ति हुई है. ऐसे में अभी 10 मंत्री पद खाली पड़े हुए हैं. इन मंत्री पदों के लिए कांग्रेस के नेता भी कड़ी मशक्कत करते नजर आ रहे हैं. कई नेता मंत्री पद पाने के लिए दिल्ली दरबार में हाजिरी भी भर चुके हैं. हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों की फेहरिस्त काफी लंबी है.


राजधानी में मंत्री पद के दावेदारों की सूची लंबी


बात अगर प्रदेश की राजधानी शिमला की करें, तो यहां विक्रमादित्य सिंह, रोहित ठाकुर मोहनलाल ब्राक्टा, कुलदीप सिंह राठौर और अनिरुद्ध सिंह मंत्री पद की दौड़ में हैं. शिमला के कोटे में केवल दो ही मंत्री पद आने हैं. ऐसे में अन्य चार नेताओं की एडजस्टमेंट आलाकमान के सामने बड़ी चुनौती रहने वाली है. शिमला में मंत्री पद की दौड़ में विक्रमादित्य सिंह, रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह का नाम सबसे आगे है. हालांकि उदयपुर कोर्ट में निजी मामले की वजह से विक्रमादित्य सिंह का मंत्री पद फंसने की भी संभावना है. ठियोग से जीतकर विधानसभा पहुंचे हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर कि सोनिया गांधी से नजदीकी को भी दरकिनार करना चुनौती है. प्रदेश भर में कांग्रेस का जिला शिमला में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है. यहां कांग्रेस ने कुल आठ में से सात सीटों पर जीत हासिल की है. इसी तरह जिला सोलन से वयोवृद्ध नेता धनीराम शांडिल और राम कुमार मंत्री पद की आस में बैठे हैं.


बिलासपुर से राजेश धर्माणी का नाम तय


हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर से वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन चौहान और हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. बीजेपी के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने के वादे के बावजूद इन दोनों नेताओं ने इस इलाके से जीत हासिल की है. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह जिला बिलासपुर से कांग्रेश एक ही सीट जीतने में सफल हो सके यहां घुमारवीं से राजेश धर्माणी ने बीजेपी सरकार के मंत्री और नड्डा के खास राजिंदर गर्ग को करारी शिकस्त दी. धर्माणी का मंत्रिमंडल में नाम तय है. इसके अलावा जनजातीय जिला किन्नौर से जीत हासिल करने वाले जगत सिंह नेगी भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे.


कांगड़ा से किसके सिर सजेगा ताज?


कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश की सत्ता का रास्ता कांगड़ा से होकर गुजरता है. कांगड़ा ने इस बार कुल 15 में से 10 सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी यहां से कई कद्दावर नेता जीतकर विधानसभा की दहलीज पर पहुंचे हैं. कांगड़ा से मंत्री पद के दावेदारों की सूची लंबी है. यहां सुधीर शर्मा, चंद्र कुमार, आशीष बुटेल और रघुबीर सिंह बाली मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. कांगड़ा से उलट पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी से भी कांग्रेस को 10 में से सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली है. यहां धर्मपुर से चंद्रशेखर ने कद्दावर नेता महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर को शिकस्त दी. ऐसे में चंद्रशेखर की एडजेस्टमेंट करना भी कांग्रेस के लिए जरूरी है. चंद्रशेखर को संभवत: विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है.


राजिंदर राणा भी मंत्री पद की दौड़ में


हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा की डलहौजी सीट से कांग्रेस नेता आशा कुमारी के चुनाव हारने के चलते भटियात सीट से जीत हासिल करने वाले कांग्रेस के कुलदीप सिंह पठानिया भी मंत्री पद की दौड़ में आगे हैं. पठानिया का मंत्री पद भी लगभग तय माना जा रहा है. इसी तरह हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुख्यमंत्री के चेहरे प्रो. प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले राजिंदर राणा भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.


कद्दावर नेताओं को एडजस्ट करना कांग्रेस के सामने चुनौती


साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं ने जीत हासिल की है. यह नेता जीत हासिल कर 14वीं विधानसभा के सदस्य के रूप में जीतकर पहुंचे हैं. हिमाचल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ 11 मंत्रियों को जगह मिल सकती है. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप के पद पर भी नियुक्ति कर नेताओं को एडजेस्ट करने की कोशिश होगी. इस तरह कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा विधायकों को पद देकर संतुष्ट करने की कोशिश करेगी. हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के सामने क्षेत्रीय और जातीय समीकरण में संतुलन बनाए रखने की भी चुनौती रहने वाली है.


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