Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार (16 दिसंबर) को शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण बैठक ली. मुख्यमंत्री ने इस बैठक की अध्यक्षता की. 12 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दी गई है. इसके बाद से ही हिमाचल प्रदेश के युवा इसका विरोध कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर भी चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने गेस्ट टीचर नीति पर चर्चा करते हुए कहा, "इस नीति से पठन-पाठन की प्रक्रिया में निरंतरता बनाए रखने में मदद मिलेगी. शैक्षणिक संस्थान के नियमित अध्यापक के छुट्टी पर जाने की स्थिति में योग्य अध्यापकों की सेवाएं ली जाएंगी. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी". बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सचिव शिक्षा राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
इन विषयों पर भी बैठक में हुई चर्चा
सीएम सुक्खू ने कहा कि उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कॉलेज में भी रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है. कॉलेजों में नए विषयों के समावेश के साथ रेशनलाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र के छह स्कूलों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इनमें जरूरी स्टाफ, पुस्तकालय, प्रयोगशाला और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने अधिकारियों को इन स्कूलों को स्थापित करने के लिए सभी औपचारिकताएं समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए. इन सभी स्कूलों के माध्यम से एक सशक्त आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा.
युवा कर रहे हैं गेस्ट टीचर पॉलिसी का विरोध
गौर हो कि सुक्खू सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी के खिलाफ युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं. 13 दिसंबर से ही इसका खूब विरोध किया जा रहा है. विपक्षी दल भी गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर खूब विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया भी गेस्ट टीचर पॉलिसी के विरोध से भरा पड़ा है. इस बीच सीएम ने यह स्पष्ट किया है कि यह कोई रोजगार नहीं है. इस पॉलिसी के तहत ऐसे अनुभव शिक्षकों की मदद ली जाएगी, जो बच्चों को पढ़ाई करवा सकें. इसका उद्देश्य स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं बच्चों की पढ़ाई को बाधित न होने देना है.
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