Himachal Politics: हिमाचल को नए वित्तीय वर्ष में झटका देंगे CM सुक्खू? जनता से कड़े फैसलों में साथ देने की अपील की
Shimla: नए वित्त वर्ष में हिमाचल सरकार आम जनता पर कई बोझ डाल सकती है. भले ही इस साल का भी बजट टैक्स फ्री हो, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई मंचों से कड़े फैसले लेने की बात कह चुके हैं.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय वित्त पोषण पर चलने वाला राज्य है. हिमाचल प्रदेश में कमाई के संसाधन नाम मात्र के हैं. प्रदेश के बजट का करीब 29 फीसदी हिस्सा ही विकास कार्यों पर खर्च हो पाता है. साल 2023-24 के बजट के मुताबिक प्रति 100 रुपये में से वेतन पर 26 रुपये, पेंशन पर 16 रुपये, ब्याज और ऋण की अदायगी पर 10-10 और स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 9 रुपये खर्च होंगे, जबकि पूंजीगत विकास के लिए सिर्फ 29 रुपये ही शेष रह जाएंगे. हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की सरकार बनने के बाद प्रदेश पर कर्ज का मुद्दा लगातार चर्चाओं में रहा है. सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज होने की बात कहते रहे.
वहीं बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश पर 69 हजार 600 करोड़ रुपये के कर्ज होने की बात बताती रही. विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल पर अब तक 71 हजार 082 करोड़ रुपये का कर्ज है. मौजूदा समय में हिमाचल पर औसतन 95 हजार 374 रुपये प्रति व्यक्ति कर्ज है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न एजेंसियों से वर्ष 2020-21 में 7 हजार 295 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. इसके अलावा 2021-22 में 5 हजार 500 करोड़ रुपये और 2023-24 में 10 हजार 294 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. कुल-मिलाकर पिछले तीन साल में कुल 23 हजार 185 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ प्रदेश पर लाद दिया गया.
नए वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ?
1 अप्रैल यानी आज से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो चुकी है. नए वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश सरकार आम जनता पर कई बोझ डाल सकती है. भले ही इस साल का बजट भी हर बार की तरह टैक्स फ्री पेश किया गया हो, लेकिन बावजूद इसके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई मंचों से कड़े फैसले लेने की बात कह चुके हैं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल को आगे बढ़ाने के लिए आम जनता का सहयोग मांगा है. मुख्यमंत्री विभिन्न मंचों से कड़े फैसलों में जनता का साथ मांगने की अपील करते रहे हैं. सत्ता में आते ही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने आम जनता पर तीन रुपये का अतिरिक्त VAT का बोझ लाद दिया था. सरकार आने वाले वक्त में भी आम जनता पर बोझ डालने की तैयारी कर रही है.
10 साल में हिमाचल को सर्वश्रेष्ठ बनाने का दावा
मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने संबोधन में मंच से कहा कि हिमाचल प्रदेश आने वाले 10 सालों में देश भर का नंबर वन राज्य बनकर उभरेगा. इसके लिए प्रदेश को कई कड़े फैसले लेने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने आम जनता से भी इन कड़े फैसलों में सहयोग देने की अपील की थी. हिमाचल प्रदेश में सरकार बने 100 दिन से ज्यादा का समय बीत गया है. इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कई मंचों से कड़े फैसले लेने की बात दोहरा चुके हैं.
कड़े फैसले लिए तो चुनाव में हो सकता है नुकसान
मई महीने की शुरुआत में नगर निगम शिमला के चुनाव आ रहे हैं. इसके अलावा साल 2024 के लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कड़े फैसले कांग्रेस को भारी भी पड़ सकते हैं. पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व के आगे कांग्रेस को एकजुट होकर चुनाव लड़ने की चुनौती है. ऐसे में मुख्यमंत्री अगर कुछ कड़े कदम लेते हैं, तो इसका असर चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह कड़े फैसले लेने के बाद आम जनता को कैसे संतुष्ट कर सकेंगे, यह देखना भी दिलचस्प होगा.