दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, जानें क्या हुई बात?
Himachal Pradesh News: दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के लिए उदार वित्तीय मदद मांगी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली प्रवास पर हैं. वायनाड से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री वायनाड में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नामांकन भरने के लिए विशेष तौर पर केरल गए थे.
वायनाड से वापस आने के बाद मुख्यमंत्री गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिले. इससे पहले उन्होंने केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी. दिल्ली में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से प्रदेश को उदार वित्तीय मदद और सहयोग का आग्रह किया है.
CM सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से क्या मांग की?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सोलन-परवाणू सड़क मार्ग के रि-एलाइनमेंट की समीक्षा करने और दुर्घटना संभावित स्थानों को ध्यान में रखते हुए नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर विचार करने का आग्रह किया है. बता दें कि सोलन-परवाणू सड़क मार्ग लग रि-एलाइनमेंट की जरूरत महसूस की जा रही है. उन्होंने शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग के बचे हुए हिस्सों को फोर लेन बनाने का भी आग्रह किया, ताकि लोगों को सुविधा हो. इसका फायदा हिमाचल आने वाले पर्यटकों को भी होगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश सरकार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है.
चार नई सड़क परियोजनाओं के निर्माण का प्रस्ताव
इसके साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को राज्य में चार नई सड़कें बनाने का भी प्रस्ताव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में सड़कें ही आवाजाही का मुख्य साधन हैं, इसलिए समग्र विकास और पर्यटकों की सुविधा के लिए सड़कों को सुदृढ़ करना बेहद अहम है. उन्होंने आग्रह किया कि नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सुरंगें बनाने की संभावनाओं को तलाशना चाहिए. इससे सड़कों के रख-रखाव की लागत में कमी आएगी. फोर लेन बनाने के दौरान अगर ज्यादा सुरंगें बनाई जाएंगी, तो इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी काम किया जा सकेगा.
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