Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में इस वजह से काटा जा सकता है विधायकों का फंड? CM सुखविंदर सिंह ने दिए संकेत
MLA Fund: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि सरकार अपने संसाधनों पर एक विशेष राहत पैकेज लाने जा रही है. इसके लिए विधायक निधि पर भी कट लगाया जा सकता है.
Himachal Monsoon Session : हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा ने जमकर तबाही मचाई है. लेकिन अब आपदा प्रभावितों को राहत पैकेज देने की कवायद सरकार ने शुरु कर दी है. इसको लेकर विधायकों की वित्तीय ताकत कम करने की तैयारी चल रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार विधायकों को मिलने वाली विधायक निधि पर कट लगा सकती है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इस बात के संकेत दिए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह ने सदन में नियम- 102 के तहत चर्चा के दौरान यह बात कही. वे विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा की बात का जवाब दे रहे थे. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार अपने संसाधनों के बलबूते पर एक विशेष राहत पैकेज लाने जा रही है. इस पैकेज को लाने के लिए विधायक निधि में भी कट लगाया जा सकता है. फिलहाल इस पर अध्ययन किया जा रहा है.
'सुझावों को अमलीजामा पहनाने के लिए पैसों की जरूरत'
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधायक निधि के अलावा और भी कट लगाए जाएंगे. सरकार के सामने लोन लेने का भी विकल्प नहीं है. क्योंकि लोन की भी एक तय लिमिट है. ऐसे में कहां-कहां कट लगाया जा सकता है? इस पर अध्ययन किया जा रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य करने के लिए सरकार बेहतरीन काम कर रही है. सरकार के सभी मंत्री अपने-अपने विभागों के काम में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से भी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए अच्छे सुझाव आ रहे हैं, लेकिन इसे अमलीजामा पहनाने के लिए पैसों की जरूरत है. उन्होंने एक बार फिर विपक्ष के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे उनके साथ चलें और दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग करें.
विधानसभा में नियम- 102 के तहत चल रही चर्चा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नियम- 102 के तहत चर्चा चल रही है. इस नियम के तहत सरकार एक सरकारी प्रस्ताव लेकर आई है. इस प्रस्ताव में हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई है. हिमाचल सरकार की ओर से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. राज्य सरकार सभी से एक मत होकर प्रस्ताव भेजने की मांग कर रही है, लेकिन भाजपा ने इस प्रस्ताव की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.
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