(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Pradesh: ट्रांसफर में लेटलतीफी से CM सुक्खू नाराज, 7 दिन के भीतर बताना होगा तबादला आदेश लागू हुए या नहीं
Himachal Pradesh: हाल ही में लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने उनके इलाके में खाली पड़े पदों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. लाहौल स्पीति जिला के तीनों एसडीएम के ट्रांसफर किए गए.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर आदेशों में देरी होने से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने नाराजगी व्यक्त की है. मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रधान निजी सचिव की ओर से आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जो ऑर्डर हो रहे हैं, उन्हें सात दिन में मंजूरी दी जानी जरूरी है. आदेशों में सात दिन के अंदर इंप्लीमेंटेशन रिपोर्ट सबमिट करना जरूरी किया गया है.
मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया ( Vivek Bhatia) की ओर से यह कार्यालय आदेश जारी हुआ है. इसमें कहा गया है कि विभागों में तबादला आदेशों पर जल्द आर्डर नहीं हो रहे हैं. इसकी वजह से जनप्रतिनिधियों में नाराजगी हो रही है. मुख्यमंत्री ने मामले का कड़ा संज्ञान लिया है. सभी विभागों को कहा गया है कि यदि ट्रांसफर प्रपोजल आदेशों को सात दिन में लागू किया जाए. अगर किसी कारण ट्रांसफर नहीं हो रहा है, तो तय चैनल के माध्यम से सात दिन के भीतर ही मुख्यमंत्री कार्यालय को इस बारे में सूचित किया जाए. इसके लिए विभाग में अधीक्षक ग्रेड-वन पर स्तर का नोडल अफसर होना चाहिए और कार्यालय में ब्रांच ऑफिसर नोडल अफसर होंगे.
मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों को तय प्रक्रिया का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है. यह आदेश प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्ष के लिए जारी किए गए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्षों को इस प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए कहा है.
विधायक रवि ठाकुर ने जाहिर की थी नाराजगी
हाल ही में लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने उनके इलाके में खाली पड़े पदों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. लाहौल स्पीति जिला के तीनों एसडीएम के ट्रांसफर किए गए. उनकी जगह वहां नए अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने वहां ज्वाइन नहीं किया. इस वजह से विधायक लाहौल स्पीति रवि ठाकुर मुख्यमंत्री से नाराज हो गए थे. आने वाले वक्त में मुश्किल फिर खड़ी न हो, इसके लिए प्रधान निजी सचिव की ओर से यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किए गए हैं.