Himachal Pradesh: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह (R. K. Singh) दो दिवसीय प्रवास के बाद दिल्ली (Delhi) वापस लौट गए. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने ऊर्जा क्षेत्र से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. केंद्रीय मंत्री ने इन सभी मुद्दों को समयबद्ध हल करने के प्रति आश्वस्त किया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से शानन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश को हस्तातंरित करने के लिए समयबद्ध प्रक्रिया पूर्ण करने का आग्रह किया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को शानन परियोजना के स्वामित्व से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया.


शानन प्रोजेक्ट हिमाचल को वापस देने की पैरवी


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत करवाया गया कि शानन परियोजना के स्वामित्व का अधिकार पंजाब सरकार के पास नहीं है. क्योंकि यह परियोजना केवल पट्टे पर पंजाब को दी गई थी और पट्टे की यह अवधि मार्च, 2024 में पूरी हो रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों के दृष्टिगत उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदेश में 25 मेगावॉट क्षमता से कम की पन विद्युत परियोजनाओं को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत इनके ढांचागत विकास के लिए एक योजना बनाने का भी आग्रह किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने परियोजना निर्माताओं के हितों के दृष्टिगत इस बारे में शीघ्र ही एक योजना शुरू करने का आश्वासन दिया है.


500 मैगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के साथ  निःशुल्क विद्युत बिक्री से सम्बंधित विभिन्न मामलों पर भी चर्चा की गई जिस पर उन्होंने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सौर विद्युत के अनुरूप हिमाचल प्रदेश को हरित हाईड्रोजन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि हरित हाईड्रोजन उत्पादन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान कर रही है. साल 2023-24 के लिए प्रदेश में 500 मैगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


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