Himachal Pradesh: सीएम सुक्खू ने 'वेले बॉबी' के हौसलों को दी उड़ान, 18 महीने से बंद पड़ी बिजली-पानी दो घंटे में बहाल
Himachal Pradesh News: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात के बाद समाजसेवी सरबजीत सिंह बॉबी भावुक नजर आए. उन्होंने इस मदद के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सेवा कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके सरबजीत सिंह बॉबी के हौसलों को एक बार फिर उड़ान दी है. बीते 18 महीने से सरबजीत सिंह बॉबी के लंगर की बिजली-पानी की सेवा बाधित थी. सोमवार को वेले बॉबी की मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद बिजली-पानी बहाल कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दो घंटे के अंदर बिजली-पानी बहाल करने के निर्देश दिए थे. लंगर हॉल में जो बिजली-पानी बीते 18 महीनों से बंद थी, उसे सिर्फ दो घंटे में फिर बहाल कर दिया गया.
लंगर में सेवा के लिए आ सकते हैं मुख्यमंत्री सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात के बाद समाजसेवी सरबजीत सिंह बॉबी भावुक नजर आए. उन्होंने इस मदद के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. सरबजीत सिंह बॉबी ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते पूर्व सरकार ने उनके लंगर हॉल से बिजली-पानी काट दी थी. उन्हें वहां से बाहर करने की पूरी कोशिश में भी हुई, लेकिन लोगों के साथ में ऐसा होने नहीं दिया. अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते 18 महीने से बंद पड़ी बिजली-पानी को एक बार फिर शुरू कर दिया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का तह दिल से आभार व्यक्त किया. सरबजीत सिंह बॉबी ने कहा कि मुख्यमंत्री जल्द ही लंगर में सेवा के लिए भी आ सकते हैं.
क्या है मामला?
दरअसल, 18 महीने पहले सरबजीत सिंह बॉबी जिस वक्त बीमार थे. उस समय आईजीएमसी प्रशासन ने लंगर हॉल की जगह को अवैध कब्जा बता कर वहां से हटाने की कोशिश की. मौके पर बड़ी संख्या में क्विक रिएक्शन टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया. लंगर हॉल से सामान और बर्तन तक बाहर कर दिए गए. लोगों की सेवा के लिए बॉबी ने जब बाहर न जाने का फैसला लिया, तो उनकी बिजली-पानी ही काट दी गई. आईजीएमसी प्रशासन का तर्क था कि लंगर हॉल की जगह को टेंडर कर संस्था को दिया जाएगा.
कौन है सरबजीत सिंह बॉबी?
समाजसेवी सरबजीत सिंह बॉबी को वेले बॉबी के नाम से भी जाना जाता है. बेला पंजाबी शब्द है जिसका अर्थ बिना काम का व्यक्ति होता है. सरबजीत सिंह अपना सारा काम छोड़कर पूरा दिन लोगों की सेवा के लिए देते हैं. वह बीते आठ साल से शिमला के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में दो वक्त लंगर की सेवा देते हैं. इसके लिए लंगर की रोटियां ठियोग, भट्टाकुफर, टूटू और शिमला शहर के अलग-अलग इलाकों से आती हैं. बॉबी ने लंगर सेवा के साथ स्कूल के बच्चों को भी जोड़ा है. स्कूल के बच्चे अपने लंच में एक रोटी लंगर के लिए लेकर आते हैं. इसके अलावा सरबजीत सिंह बॉबी बीते कई सालों से मुफ्त फ्यूनरल वैन भी चलाते हैं. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी सरबजीत सिंह बॉबी के काम की तारीफ कर चुके हैं.