Shimla Municipal Corporation Election: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)  विधानसभा चुनाव में जीत और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के बाद कांग्रेस (Congress) पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जोश में हैं. इसी जोश को कायम रखते हुए अब कांग्रेस की निगाहें नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) पर अपना परचम लहराने पर टिकी हुई हैं. हालांकि कांग्रेस के लिए यह राह इतनी भी आसान नहीं रहने वाली है. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने अभी से नगर निगम शिमला फतह करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.


नगर निगम शिमला का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है. कांग्रेस के आला नेता तेजिंदर पाल बिट्टू (Tajinder Pal Singh Bittu ) और संजय दत्त (Sanjay Dutt), हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस पार्टी में सबसे बड़ी समस्या टिकट आवंटन की रहने वाली है. टिकट आवंटन की समस्या को सुलझाने के लिए हिमाचल कांग्रेस ने एक फार्मूला तय किया है. इस फार्मूला के तहत पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक मत बनाकर अपना प्रत्याशी चुनने के लिए कहा गया है. जहां प्रत्याशी नहीं तय हो सकेंगे, वहां कांग्रेस पार्टी सर्वे के आधार पर टिकट देगी. 


गुटबाजी से पार पाना बड़ी चुनौती


हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी पुरानी समस्या है. कांग्रेस के आम कार्यकर्ता से लेकर आला नेता गुटबाजी से अच्छे तौर से वाकिफ हैं. नगर निगम चुनाव के लिए अपने सिपाह सलारों को टिकट दिलाने के लिए प्रदेश के आला नेता भी एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे. ऐसे में टिकट आवंटन को लेकर कांग्रेस में खासी लड़ाई रहने वाली है. हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी की बानगी यह है कि शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट आवंटन के बाद विरोधी गुट के कुछ कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों ने अपने प्रत्याशी के लिए प्रचार तक नहीं किया था.


यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान ने वॉर्ड में पदाधिकारियों को अपना प्रत्याशी चुनने के लिए कहा है. यह भी तथ्य है कि गुटबाजी के चलते ज्यादातर वार्डों में प्रत्याशी तय नहीं हो सकेंगे ऐसे में कांग्रेस विधानसभा चुनाव की तरह सर्वे के आधार पर ही नगर निगम शिमला में भी प्रत्याशियों को उतारेगी. शिमला नगर निगम चुनाव का रोस्टर जारी होने के बाद कांग्रेस पार्टी अपने काम में और अधिक तेजी लाएगी.


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