Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में 18 से 59 साल की महिलाओं को हर महीने एक हजार 500 रुपये देने को लेकर मंथन शुरू हो गया है. 13 जनवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने इसे लेकर सब कमेटी बनाई थी. सब कमेटी की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल (Dhaniram Shandil) कर रहे हैं. इसके अलावा इस सब कमेटी में कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार (Chandra Kumar) और अनिरुद्ध सिंह (Anirudh Singh) भी शामिल हैं. मंगलवार को हुई सब कमेटी की बैठक में अधिकारियों ने महिलाओं को हर महीने पेंशन देने के लिए खाका तैयार कर कमेटी के सामने रखा. कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश के लिए इस गारंटी को पूरा करना आसान नहीं होगा.
हिमाचल प्रदेश में साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 22 लाख 40 हजार 492 महिलाएं हैं. सरकार इनमें से करीब आठ लाख 21 हजार महिलाओं को हर महीने एक हजार 500 पेंशन देने पर विचार कर रही है. पहली बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि नौकरी पेशा, टैक्स अदा करने वाले और पहले से किसी पेंशन योजना में कवर होने वाली महिलाओं को यह लाभ नहीं दिया जाएगा. हिमाचल प्रदेश में आठ लाख 21 हजार महिलाओं को पेंशन देने पर सरकार को हर साल 500 से 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार झेलना होगा.
किस आयु वर्ग की कितनी महिलाएं?
18 से 25 साल- 4 लाख 57 हजार 309
26 से 30 साल- 2 लाख 90 हजार 022
31 से 35 साल- 3 लाख 03 हजार 222
36 से 40 साल- 2 लाख 84 हजार 945
41 से 45 साल- 2 लाख 88 हजार 807
46 से 50 साल- 2 लाख 47 हजार 503
51 से 55 साल- 2 लाख 15 हजार 906
56 से 59 साल- 1 लाख 52 हजार 778
कुल महिलाएं- 22 लाख 40 हजार 492
चुनाव से पहले नहीं कही थी शर्त की बात
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने जब 10 गारंटी दी थी. उस समय 18 से 59 साल की महिला को एक हजार 500 प्रतिमाह देने का वादा किया था. कांग्रेस के केंद्रीय आला नेताओं के साथ प्रदेश के नेताओं ने भी हर महीने मिलने वाली इस आर्थिक सहायता के लिए किसी भी शर्त को न रखने की बात कही थी. अब जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में काबिज हुई है, तो इस पर इसी गारंटी को सशर्त लागू करने की योजना बनाई जा रही है. इसे लेकर कैबिनेट सब कमेटी की एक बैठक साथ दिन बाद दोबारा होनी है. अभी इस योजना को लेकर केवल खाका तैयार किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार हर महिला को यह आर्थिक सहायता नहीं देगी. इस योजना का लाभ सशर्त ही दिया जाएगा.
कर्ज के बोझ तले दबा है हिमाचल
मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये कर्ज है. ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के बाद हिमाचल प्रदेश पर पहले साल में 800 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ना है. महिलाओं को एक हजार 500 रुपये पेंशन देने पर शुरुआती दौर पर जो आंकड़ा सामने आया है, उससे भी हिमाचल प्रदेश पर हर महीने 600 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. ऐसे में सवाल यह है कि केंद्रीय वित्त पोषण पर चलने वाले हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संसाधन कहां से जुटाए जाएंगे. अभी कांग्रेस को अपने वादे के मुताबिक पांच लाख रोजगार और दो रुपये किलो गोबर खरीदने के साथ 100 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध खरीदने की गारंटी को भी पूरा करना है.
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