Himachal Pradesh MLA Harsh Chauhan: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नेतृत्व वाली सरकार 1 अप्रैल के बाद खोले गए संस्थानों को रिव्यू कर रही है. पूर्व बीजेपी सरकार ने आखिरी छह महीने में 900 से ज्यादा संस्थान खोल दिए. हिमाचल प्रदेश की राजनीति में संस्थानों को डिनोटिफाई करने का मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है. बीजेपी इसे असंवैधानिक करार दे रही है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि सरकार केवल बिना बजट के शुरू किए गए संस्थानों को ही बंद कर रही है.


हार से बौखलाहट में है बीजेपी


सोमवार को कांग्रेस से विधायक हर्ष चौहान, अनिरुद्ध सिंह और रोहित ठाकुर ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि बीजेपी हार से बौखलाहट में है. इसी वजह से बीजेपी हार को पचा नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले प्रतिज्ञापत्र में जो गारंटी दी है, उन्हें हर हाल में पूरा किया जाएगा.


आखिरी छह महीने में खोले 900 संस्थान


विधायक हर्ष चौहान ने कहा कि बीजेपी ने आखिरी छह महीने में बिना बजट के 900 से ज्यादा संस्थान खोल दिए. जनता को गुमराह करने के लिए बीजेपी अब इसका मुद्दा बना रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व की सरकार में स्वास्थ्य विभाग के 47, जल शक्ति विभाग के 34, लोक निर्माण विभाग के 16, आयुष विभाग के 43, शिक्षा विभाग के 430 और पुलिस के 18 संस्थान खोले गए. इसके अलावा राजस्व विभाग के 117, वन विभाग का एक, आईटीआई के 19 और बिजली बोर्ड के 32 अन्य संस्थानों को खोल दिए गए.


बीजेपी ने प्रदेश पर छोड़ा कर्ज का बोझ


हिमाचल कांग्रेस के विधायक हर्ष चौहान ने कहा कि बीजेपी यदि मामले को लेकर कोर्ट जाना चाहती है, तो कोर्ट जा सकती है. कांग्रेस पार्टी सरकार इसका जवाब कोर्ट में देने के लिए भी तैयार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई है. उन्होंने कहा कि हिमाचल कांग्रेस की सरकार देश में बदलाव लाएगी और अपने वादों को पूरा करेगी.


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