Himachal Politics: धर्मशाला से कांग्रेस विधायक और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा की नाराजगी एक बार फिर खुलकर सामने आई है. धर्मशाला में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान सुधीर शर्मा ने कहा कि उनके हाथ में सरकार की गाड़ी का न तो स्टीयरिंग है और न ही गियर. सुधीर शर्मा से बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सुक्खू सरकार के बैक गियर वाले बयान को लेकर सवाल पूछा गया था. यह पहली बार नहीं है, जब बयान के जरिए विधायक सुधीर शर्मा की नाराजगी इस तरह खुलकर सामने आई हो.


मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं सुधीर शर्मा 


कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने जल्द से जल्द के JOA-IT के अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित किए जाने की भी बात कही है. सुधीर शर्मा ने कहा कि अभ्यर्थी लंबे वक्त से परेशान हैं. ऐसे में उनका रिजल्ट जल्द से जल्द घोषित किया जाना चाहिए. बता दें कि सुधीर शर्मा लंबे वक्त से मंत्री पर दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सुक्खू मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है.


वीरभद्र के 'वीर' को सुक्खू कैबिनेट का 'सुख' अब तक नहीं


धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में तो मंत्री रहे, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है. उनसे जूनियर विधायकों को मंत्री पद मिल गया, लेकिन सुधीर शर्मा के हाथ अब भी खाली हैं. सुधीर शर्मा की गिनती वीरभद्र कैबिनेट में सबसे शक्तिशाली मंत्रियों में होती रही, लेकिन अब वीरभद्र के 'वीर' को सुक्खू कैबिनेट का 'सुख' नहीं मिल पा रहा है.


हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल में 12 सदस्य हो सकते हैं. कैबिनेट में अब मुख्यमंत्री को मिलाकर सदस्यों की संख्या 11 हो चुकी है. अब भी मंत्री का एक पद खाली पड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले के चुके हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले इस मंत्री पद को भरा जा सकता है. इससे पहले पूर्व बीजेपी सरकार में जिला कांगड़ा से तीन मंत्री रहे. इनमें सरवीन चौधरी, बिक्रम सिंह ठाकुर और किशन कपूर शामिल थे.


हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है कांगड़ा


साल 2019 में किशन कपूर के सांसद बनने के बाद नूरपुर से विधायक रहे राकेश पठानिया को साल 2020 में कैबिनेट में शामिल किया गया. मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में कांगड़ा से दो ही मंत्री हैं. ऐसे में एक और मंत्री जिला कांगड़ा से बनाए जाने की संभावना अब भी बरकरार है, लेकिन कांग्रेस की एक महिला वरिष्ठ नेता की नाराजगी सुधीर शर्मा की राह का रोड़ा बनी हुई है.