हिमाचल में बागी सुधीर शर्मा पर कांग्रेस ने लिया एक्शन तो पूर्व MLA बोले, 'जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही...'
Himachal Pradesh: कांग्रेस के 6 विधायकों ने पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी. इसके बाद कांग्रेस ने इन विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में अयोग्य ठहराने की स्पीकर से अपील की.
Himachal Pradesh News: विधानसभा सदस्यता छीनने के बाद हिमाचल प्रदेश के बागी सुधीर शर्मा को कांग्रेस ने राष्ट्रीय सचिव के पद से हटा दिया है. कांग्रेस की इस कार्रवाई के बाद सुधीर शर्मा ने तंज कसा है.
उन्होंने एक्स पर लिखा, ''भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था. चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह.''
भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था।
— sudhir sharma (@sudhirhp) March 6, 2024
चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह। 🙏🏼 pic.twitter.com/TeNQEc3Xi1
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुधीर शर्मा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.
वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं सुधीर शर्मा
धर्मशाला से ताल्लुक रखने वाले सुधीर शर्मा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं. हाल ही में उन्हें और पांच अन्य विधायकों के साथ स्पीकर ने अयोग्य ठहरा दिया था.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका लगा और बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की. दरअसल, कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी.
संकट में आ गई कांग्रेस
इसके बाद राजनीतिक हालात बदले और सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे. इस बीच कांग्रेस के छह विधायकों पर कांग्रेस ने व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और स्पीकर कुलदीप पठानिया से इन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 29 फरवरी को इन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. इन विधायकों पर आरोप है कि सदन में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था.
स्पीकर की कार्रवाई के बाद इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.