Green Energy Himachal: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश को 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं. हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा में पहले चरण में पेट्रोल और डीजल वाहन की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियां इस्तेमाल में लाई जाएंगी. वहीं दूसरे चरण में अन्य जिलों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी जानी हैं.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन होंगे स्थापित


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी मंत्रियों को खर्चों में कटौती करने का निर्देश देने के साथ-साथ प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए कहा है. हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने के लिए एचआरटीसी भी पहले चरण में 150 इलेक्ट्रिक बसे खरीदने जा रहा है. इलेक्ट्रिक बसों के खरीदे जाने के बाद प्रदेश से डीजल वाहनों का बोझ कम होगा. सरकार ने शुरुआती चरण में 50 अलग-अलग स्थानों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए भी कहा है. इसके अलावा सभी पार्किंग में भी इलेक्ट्रिक स्टेशन की सुविधा देने की बात कही गई है.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद से कम होगा दबाव


हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया है कि इलेक्ट्रिक वाहन पर सरकार को एकमुश्त अधिक इन्वेस्टमेंट करनी होगी, लेकिन इसके बाद इनका खर्चा कम होगा. परिवहन विभाग ने भी तीन लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद की है. फरवरी तक हिमाचल प्रदेश को 15 नई इलेक्ट्रिक वाहन भी मिलने हैं. सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर पंजीकरण शुल्क में छूट देने सहित कई महत्वपूर्ण सुविधा देने पर भी काम कर रही है. हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने से प्रदेश में प्रदूषण भी कम होगा. गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश सरकार डीजल की खरीद पर रोजाना डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करती है.