Himachal Political Crisis: हिमाचल में सियासी उठापटक के बीच CM सुक्खू बोले- 'सत्यमेव जयते', जानें क्यों बुलंद किया ये नारा
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश की.
Himachal Pradesh Crisis: हिमाचल प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोकतंत्र में सत्य की जीत होती है. उन्होंने सत्यमेव जयते का नारा बुलंद करते हुए कहा कि बीजेपी ने तोड़फोड़ कर हिमाचल सरकार गिराने की कोशिश की. विधायकों को करोड़ों रुपए के प्रलोभन दिए गए. उन्होंने कहा कि अभी भी विधायकों को प्रलोभन दिए जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने अपनी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह उनके छोटे भाई हैं. विक्रमादित्य को जो भी नाराजगी होगी, उसे दूर किया जाएगा. सीएम सुक्खू ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.
विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा?
बता दें कि सुबह के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन मौजूदा सरकार ने वीरभद्र सिंह को ही भुला दिया. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा बनाने के लिए रिज में दो गज तक की जमीन नहीं दी गई.
सीएम सुक्खू ने साधा बीजेपी पर निशाना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ लोग उनकी इस्तीफे की अफवाह फैला रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर खुद कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया, जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश को शर्मसार करने का काम किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि तोड़फोड़ कर विधायकों को करोड़ों रुपए के प्रलोभन देकर साथ ले जाया गया. राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए भी उनके विधायकों को करोड़ों रुपए के प्रलोभन दिए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छह बागी विधायकों में से एक विधायक ने उनसे कहा कि उससे गलती हो गई है और वह इसके लिए माफी मांगना चाहता है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अब तो देर हो चुकी है. उन्हें डिसक्वालीफाई करने को लेकर सरकार पिटीशन दायर कर चुकी है और इन छह बागी विधायकों की सदस्यता दल बदल कानून के तहत रद्द हो जाएगी.