Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 खरीद के नाम पर परिवहन विभाग (Transport Departmment) के साथ खेल हो गया है. वीवीआईपी नंबर के लिए बोली लगाने वाला तीसरी तीसरा बोली दाता भी फ्रॉड निकला.


इससे पहले करोड़ों रुपये की बोली लगाने वाले दोनों बोली दाता भी सामने नहीं आए थे. पहले देसराज, दूसरे नंबर पर संजय कुमार और अब तीसरे नंबर पर धर्मवीर भी कुल राशि का 30 फीसदी हिस्सा जमा करवाने के लिए सामने नहीं आया. धर्मवीर के पास रविवार रात 12 बजे तक का समय था.


30 फीसदी राशि जमा करवाने का दिया था समय


हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कोटखाई में वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 की ऑनलाइन बिडिंग हुई. इस मीटिंग में कुल 26 लोगों ने भाग लिया.  26 में से तीन लोगों ने इस नंबर के लिए एक करोड़ से ज्यादा की बोली लगाई. बोली एक करोड़ के पार जाते ही ये लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया. प्रदेश के साथ ही देश भर में वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 की खरीद के लिए करोड़ों रुपये चुकाने की चर्चा होने लगी, लेकिन अब तीनों बोली दाता फ्रॉड निकले हैं. तीनों में से किसी भी बोलीदाता ने कुल राशि का 30 फीसदी अमाउंट जमा नहीं करवाया.


पहले ही थी बोलीदाताओं के फ्रॉड होने की आशंका!


एबीपी न्यूज ने पहले ही मामले में गड़बड़ झाले की आशंका जाहिर की थी. बोलीदाताओं के एड्रेस देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये एड्रेस सही हो सकते हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी इस बात की भनक पहले से थी कि बोलियां सही नहीं हैं. बावजूद इसके नियमों के मुताबिक बोलीदाताओं को राशि जमा कराने के लिए समय देना पड़ा. इसके बाद सभी की निगाहें तीसरे बोली दाता धर्मवीर पर टिकी हुई थीं, लेकिन धर्मवीर भी पहले दो बोली दाताओं देसराज और संजय कुमार की तरह फ्रॉड निकला.


17 फरवरी को वीवीआईपी नंबर की ऑनलाइन बीडिंग हुई थी. इस वीआईपी नंबर के लिए करोड़ों रुपये की बोली लगी. वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 खरीदने के लिए 1 करोड़ 12 लाख 15 हजार 500 रुपये की बोली लगाई थी. दूसरे बोली दाता नाम संजय कुमार ने 1 करोड़ 11 हजार रुपये की बोली लगाई थी. संजय कुमार ने ऑनलाइन बिडिंग में अपना पता ब्लॉक नंबर वन, हाउस नंबर 2, होटल पीटरहॉफ शिमला भरा था, जबकि देसराज ने अपना पता थाना 192, तहसील बद्दी, जिला सोलन भरा था. तीसरे बोली दाता धर्मवीर सिंह ने अपना पता वार्ड नंबर 4, गांव कंडवाल, तहसील नूरपुर, जिला कांगड़ा भरा था.


मामले की जांच करवा सकता है परिवहन विभाग


हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पास परिवहन विभाग है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इसे लेकर अब कड़ा कानून ला सकती है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. साथ ही मामले की जांच एसडीएम को सौंपी जा सकती है ताकि पता चल सके कि आखिर कहां से लगी. फिलहाल विभाग के पास कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए कोई सख्त नियम भी नहीं हैं.


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