Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में जुलाई-अगस्त के महीने में भारी बारिश की वजह से आपदा ने भारी तबाही मचाई. अगस्त महीने में हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार ने क्रशर बंद करने का फैसला लिया. अब करीब तीन महीने का वक्त बीत जाने के बाद भी यह क्रशर बंद पड़े हुए हैं. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने इस संदर्भ में कमेटी का भी गठन किया था.


इस कमेटी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को रिपोर्ट सौंप दी है. माना जा रहा है कि आने वाले एक-दो दिन में सरकार दोबारा क्रशर शुरू कर सकती है. क्रशर बंद होने की वजह से निर्माण कार्य कर रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्रेशर बंद होने की वजह से माइनिंग डिपार्टमेंट को भी हर रोज 30 लाख रुपये से 40 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है.


हिमाचल में क्रशर शुरू करने की उठ रही मांग


हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आपदा के दौरान नदियों के आसपास भयंकर नुकसान हुआ. कुछ लोगों का मत था कि आपदा के लिए खनन भी जिम्मेदार है. इसके बाद प्रदेश सरकार ने खनन पर निगरानी रखते हुए क्रशर बंद करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार ने कमेटी का गठन भी किया था. कमेटी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.


हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि क्रशर बंद होने से प्रदेश में निर्माण कार्यों को नुकसान पहुंच रहा है. इसे लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी आग्रह किया था कि सड़कों के निर्माण के लिए निर्माण सामग्री की कमी आ रही है. ऐसे में क्रशर खोलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू क्रशर खोलने का फैसला कर सकते हैं.


जयराम ठाकुर पर भी साधा निशाना 


उद्योग मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी अपनी दुकान चलाने के लिए सरकार के विरोध में बोल रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी इतने कम समय में बल्क ड्रग पार्क का काम तेजी से आगे बढ़ाया है. विकास के अन्य काम भी तेजी से सरकार कर रही है, लेकिन बीजेपी के पास खाने को कुछ नहीं है. लिहाजा, बीजेपी सरकार का विरोध कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर विकास कार्य ठप होने के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने के लिए तथ्यहीन बयान बाजी कर रही है.


केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण का इंतजार


हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने का फैसला हिमाचल प्रदेश में लागू करने को लेकर हाटी समुदाय ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. अब इसे लेकर हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार से आई अधिसूचना में विरोधाभास है. इसके चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से इन अधिसूचनाओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अभी तक स्पष्टीकरण नहीं आया है. जैसे ही केंद्र अधिसूचनाओं को लेकर स्पष्टीकरण देगा, प्रदेश में ट्रांसगिरी इलाके के हाटी समुदाय को एसटी दर्ज देने के फैसले को प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा.


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