Sirmaur Deodar Tree: कहते हैं कि यदि मन में कुछ करने की दृढ़ निष्ठा हो, तो कुछ भी असंभव नहीं होता. ऐसा ही एक मुश्किल लगने वाला काम 75 साल लेख राम चौहान (Lekh Ram Chauhan) ने पूरा कर दिखाया है. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जिला सिरमौर (Sirmaur) के राजगढ़ (Rajgarh) के रहने वाले लेख राम चौहान ने 4 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर 1 हजार 100 देवदार के पौधे रोपे, जो अब सफलतापूर्वक जंगल में तबदील होते नजर आ रहे हैं. लेख राज चौहान प्रकृति से इतना प्रेम करते हैं कि उन्होंने बिना किसी मदद के अपने स्तर पर ही 15 बीघा जमीन पर यह पौधे रोपे हैं.
किसी भी दूसरे सेवानिवृत्त कर्मचारी की तरह लेख राम चौहान के पास भी रिटायरमेंट के बाद घर पर आराम करने का विकल्प मौजूद था, लेकिन उन्होंने अपने आराम को छोड़ प्रकृति की सेवा करने को तरजीह दी. राजगढ़ के ग्राम कलोहा शकेन के रहने वाले लेख राम चौहान विलेज रेवेन्यू ऑफिसर के पद से रिटायर हुए हैं. लेख राम चौहान को प्रकृति से इतना अधिक प्रेम है कि उन्होंने विषम परिस्थितियों के बावजूद सच्ची निष्ठा और लगन के साथ तकनीक का इस्तेमाल करते हुए देवदार के पौधे उगा दिए.
छह हजार फीट की ऊंचाई पर उगता है देवदार
देवदार का वृक्ष हिमाचल प्रदेश की पहचान के तौर पर जाना जाता है. अमूमन देवदार 6 हजार फीट की ऊंचाई पर उगता है, लेकिन राजगढ़ में लेख राम चौहान ने इसे 4 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर उगा कर कमाल कर दिखाया है. वन विभाग में रेंज ऑफिसर के पद पर तैनात अजय चंदेल का कहना है कि यदि देवदार को गर्मी के मौसम में समय पर पानी, परागण हवा, कोहरे से बचाव और उचित देखभाल की जाए, तो देवदार का वृक्ष उगाया जा सकता है. इसके लिए कम ऊंचाई वाले इलाकों में तुलनात्मक तौर पर ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है. देवदार वृक्ष के चार प्रकार हैं. इनमें लेबनानी, एटलस, हिमालयी और साइप्रस शामिल हैं.