'हिमाचल के पूर्व परिवहन मंत्री GS बाली के नाम पर होगा धर्मशाला बस अड्डा', डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की घोषणा
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि तत्कालीन वीरभद्र सरकार में परिवहन मंत्री रहे जीएस बाली के नाम पर धर्मशाला बस अड्डे का नाम रखा जाएगा.
Himachal Pradesh Latest News: हिमाचल प्रदेश में तत्कालीन वीरभद्र सरकार में परिवहन मंत्री रहे गुरमुख सिंह बाली के नाम पर अब धर्मशाला बस अड्डे का नाम रखा जाएगा. साल 2021 में गुरमुख सिंह बाली का बीमारी की वजह से निधन हो गया था. हर साल उनके जन्मदिन पर उनके गृह विधानसभा क्षेत्र नगरोटा बगवां में बड़ा कार्यक्रम किया जाता है.
जीएस बाली के निधन के बाद भी यह रवायत जारी है. इसी कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. मंच से उन्होंने गुरमुख सिंह बाली से जुड़ी यह बड़ी घोषणा की.
पूर्व परिवहन मंत्री गुरमुख सिंह बाली के नाम पर होगा धर्मशाला बस अड्डे का नाम- मुकेश अग्निहोत्री
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) July 27, 2024
• स्वर्गीय GS बाली के जन्मदिन के मौके पर नगरोटा बगवां में घोषणा@ABPNews @Agnihotriinc #HimachalPradesh pic.twitter.com/PNWJnUE6Bo
'राष्ट्रीय राजनीति पर भी था बाली का प्रभाव'
गुरमुख सिंह बाली की गिनती न सिर्फ कांगड़ा के बल्कि हिमाचल प्रदेश के बड़े नेताओं के तौर पर होती रही है. गुरमुख सिंह बाली का हिमाचल प्रदेश की राजनीति में रहते हुए भी राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव रहा. मौजूदा वक्त में उनके बेटे रघुबीर सिंह बाली नगरोटा बगवां से विधायक हैं.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें पर्यटन निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया है. सरकार ने उन्हें कैबिनेट रैंक देकर पिता गुरमुख सिंह बाली का मान रखने की भी कोशिश की है.
67 साल की उम्र में हुआ था निधन
गुरमुख सिंह बाली का जन्म 27 जुलाई 1954 को हुआ था. 67 साल की उम्र में असफल किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनका 30 अक्टूबर 2021 को दिल्ली एम्स में निधन हो गया. साल 1998 में गुरमुख सिंह बाली ने पहले विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद साल 2003, साल 2007 और साल 2012 का विधानसभा चुनाव भी वे जीते. साल 2017 में भी भारतीय जनता पार्टी के अरुण कुमार से चुनाव हार गए थे.
'जीवित होते, तो संभवत: मुख्यमंत्री बनते बाली'
हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकार मानते हैं कि अगर गुरमुख सिंह बाली जीवित होते, तो संभवत: कांग्रेस के बहुमत की स्थिति में वह मुख्यमंत्री बनने के सबसे प्रबल दावेदारों में शामिल थे. हालांकि, कांग्रेस के बहुमत की स्थिति में सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने. सुखविंदर सिंह सुक्खू भी गुरमुख सिंह बाली के नजदीकी नेताओं में शामिल रहे हैं.
बाली अगर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते, तो वे तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार के बाद राज्य के दूसरे और कांग्रेस से पहले ब्राह्मण मुख्यमंत्री होते.
Himachal: शिमला में रविवार को बनेगा बड़ा रिकॉर्ड, एक साथ लगाए जाएंगे एक हजार पौधे