Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बारिश से हुई भारी तबाही के बीच कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई. इनमें से 14 लोगों की मौत शिमला में हुईं भूस्खलन की दो घटनाओं में हुई. बारिश के कारण कुछ स्थानों पर भूस्खलन हुए, जिसके चलते कई मुख्य सड़कें बंद हो गईं और कई घर ढह गए. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राज्य की राजधानी शिमला में दो जगह भूस्खलन हुआ, जहां से 14 शव बरामद किए गए. अधिकारियों ने कहा कि समर हिल क्षेत्र के भूस्खलन प्रभावित शिव मंदिर के मलबे के नीचे और भी लोग फंसे हो सकते हैं. 


सावन महीने के एक महत्वपूर्ण दिन पर पूजा करने के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी. मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने 


बताया कि जिले में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और कई शव बरामद किए गए हैं. बुरी तरह प्रभावित सोलन जिले में एक ही परिवार के सात सदस्यों समेत 11 लोगों की मौत हो गई. मौसम कार्यालय ने सोमवार को कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर राज्य के 12 में से नौ जिलों में अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान जताया और मंगलवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया.


शिमला- दो भूस्खलन स्थलों पर मलबे से 14 शव निकाले गए
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने को बताया कि समर हिल और फागली के दो भूस्खलन स्थलों पर मलबे से 14 शव निकाले गए हैं, जबकि 17 लोगों को बचाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण शिमला में बचाव अभियान में बाधा आ रही है. कई हिस्सों में रविवार रात से बिजली नहीं है क्योंकि भूस्खलन और पेड़ों के उखड़ने से बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर और फागली इलाके में एक अन्य स्थान पर भूस्खलन हुआ और मलबे से नौ शवों को बाहर निकाला गया है.


जादोन गांव में फटा बादल
भारी बारिश के मद्देनजर सभी स्कूल और कॉलेज को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है. राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, आपदा के कारण राज्य में 752 सड़कें बंद कर दी गयी हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सोलन जिले के जादोन गांव में बादल फटने से रविवार रात एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी. जिले में बादल फटने के बाद दो मकान बह गए. हादसे में छह लोगों को बचा लिया गया जबकि सात अन्य की मौत हो गयी. सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त हरनाम (38), कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा (12), गोलू (8) और रक्षा (12) के रूप में की गयी है.


मंडी के नेरचौक में पानी भर गया
सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने बताया कि जिले की बलेरा पंचायत में एक झोंपड़ी के भूस्खलन की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गयी. उनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है. रामशहर तहसील के बनाल गांव में भूस्खलन में एक अन्य महिला की मौत हो गयी. उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि मंडी जिले की सेघली पंचायत में रविवार देर रात भूस्खलन से दो साल के बच्चे समेत एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई. तीन लोगों को बचाया गया. उपायुक्त ने कहा कि संभल में पंडोह के पास छह शव बरामद किए गए हैं. शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है, धरमपुर इलाके से दो मौतों की सूचना मिली है. बल्ह क्षेत्र के कुछ हिस्से और मंडी के नेरचौक में पानी भर गया.


सिरमौर जिले में एक लड़के की मौत
खबरों के मुताबिक सिरमौर जिले में एक लड़के की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ने शिमला के समर हिल इलाके में घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. सुक्खू ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘शिमला से परेशान करने वाली खबर सामने आयी है जहां भारी बारिश के कारण समर हिल में शिव मंदिर ढह गया. अभी तक नौ शव बरामद किए गए हैं. स्थानीय प्रशासन लोगों को बचाने के लिए मलबा हटाने का काम कर रहा है. ओम शांति.’’ उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘‘विनाशकारी बारिश से शिमला के समरहिल इलाके में शिव मंदिर के समीप भूस्खलन हुआ जिसमें कई लोग मलबे में दब गए. कुछ लोगों की मौत हो गयी है. मैं घटनास्थल पर मौजूद हूं. मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.’’


शिमला-कालका रेलवे पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त
बाद में, घटनास्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “घटना के समय भगवान शिव के मंदिर में भीड़ थी क्योंकि वह सावन का सोमवार था. बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. हर संभव मदद की जाएगी. मलबे में दबे लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है.” इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें हिमाचल प्रदेश में राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं. उन्होंने जानमाल के नुकसान को 'बेहद दुखद' बताया. शिमला में समर हिल के पास यूनेस्को की विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. अधिकारियों ने बताया कि 50 मीटर लंबा पुल बह गया है और पटरियां लटक गई हैं.


राहत और बचाव कार्यों में जुटी है NDRF,ITBP और पुलिस
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सेना के साथ-साथ एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और राज्य की पुलिस के जवान राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं. शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने को बताया कि भूस्खलन की दो घटनाओं में कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी भूस्खलन और बादल फटने से प्रभावित स्थलों का दौरा किया.


हमीरपुर के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गयी जबकि दो अन्य लापता हैं. उन्होंने जिले के सभी निवासियों से खराब मौसम के मद्देनजर खास एहतियात बरतने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की अपील की है. उन्होंने बताया कि बाढ़ में रविवार रात को एक व्यक्ति बह गया जबकि दो अन्य को बचा लिया गया. एक अन्य घटना में बारिश के कारण मकान ढहने से एक बुजुर्ग महिला मलबे में दब गयी जबकि उसके बेटे को बचा लिया गया.


आपात अभियान केंद्र के अनुसार, कुल 752 सड़कें अवरुद्ध
उन्होंने बताया कि जिले के रंगास इलाके में भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गयी. जबकि जिले के भगतू पंचायत में घर गिरने की घटना में 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. बुजुर्ग का शव बरामद कर लिया गया है. हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ जिससे प्रमुख शिमला-चंडीगढ़ मार्ग समेत कई सड़कें अवरुद्ध हो गयी. राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, कुल 752 सड़कें अवरुद्ध हैं.


रविवार शाम से कांगड़ा में 273 मिलीमीटर, धर्मशाला में 250 मिमी, सुंदरनगर में 168 मिमी, मंडी में 140 मिमी, जब्बारहट्टी में 132 मिमी, शिमला में 126 मिमी, बरठी में 120 मिमी, धौलाकुआं में 111 मिमी और नाहन में 107 मिमी बारिश हुई. मौसम विभाग ने मंगलवार को भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और 18 अगस्त तक राज्य में बारिश का अनुमान जताया है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य को अब तक 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. चालू मानसून सीजन में राज्य में बादल फटने और भूस्खलन की कम से कम 170 घटनाएं सामने आई हैं और लगभग 9,600 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.


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