Monsoon Loss in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में बारिश में इस सीजन में जमकर तबाही मचाई. मानसून अपने साथ बारिश ही नहीं आफत भी लेकर आई. बारिश की वजह से हुई अलग-अलग घटनाओं में अब तक 381 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा अलग-अलग घटनाओं में 360 लोग घायल भी हुए हैं. प्रदेश में 38 लोग अब भी लापता हैं. 


सरकार को अब तक 8642.83 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. प्रदेश में 2 हजार 446 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 10 हजार 648 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा. इसके अलावा 312 दुकानें और 5 हजार 517 पशु घर भी तबाह हो गए. प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक 161 भूस्खलन और 72 फ्लैश फ्लड की घटनाएं दर्ज की गई हैं. प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को 2927.01 करोड़ रुपये का हुआ है.


जिला शिमला में 40 लोगों की गई जान


बारिश की वजह से हुई अलग-अलग घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत शिमला जिले में हुई है. शिमला में 40 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. इसके अलावा बिलासपुर में 15, चंबा में 43, हमीरपुर में 17, कांगड़ा में 29, किन्नौर में 13, कुल्लू में 48, लाहौल स्पीति में 5, मंडी में 43, सिरमौर में 25, सोलन में 36 और ऊना में 381 लोगों की जान गई. जिला कुल्लू में अब तक सबसे ज्यादा 19 लोग लापता हैं. इसके अलावा मंडी में 9, शिमला में चार, किन्नौर में दो और लाहौल स्पीति में एक व्यक्ति लापता है.


हिमाचल पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ


हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि, सरकार के आकलन के मुताबिक यह नुकसान 12 हजार करोड़ रुपये के पार जा सकता है. सरकार लगातार आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का काम कर रही है. इसके अलावा प्रदेश में इस राज्य आपदा घोषित किया जा चुका है और अब राज्य सरकार की नजर केंद्र की तरफ हैं. प्रदेश सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे. हिमाचल प्रदेश पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा है. प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और अब आपदा की वजह से हुए नुकसान की वजह से हिमाचल पर अतिरिक्त बोझ पड़ गया है.



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