Himachal Pradesh Disaster: हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला और जिला कुल्लू की सीमा पर स्थित समेज गांव में 1 अगस्त की सुबह भारी तबाही हुई. यहां बादल फटने की वजह से 36 लोग लापता हो गए. इनमें 33 लोग जिला शिमला और तीन लोग जिला कुल्लू से थे. आज नौ दिन बाद भी लगातार यहां सर्च ऑपरेशन जारी है. अब तक यहां 14 शव बरामद हो गए हैं. अन्य 22 लापता लोगों की तलाश अभी जारी है. लापता लोगों को ढूंढने के लिए 85 किलोमीटर के एक बड़े हिस्से में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. 


सुन्नी डैम के नजदीक दोघरी में चार शव मिले


जिला शिमला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि शुक्रवार सुबह के वक्त सुन्नी डैम के नजदीक दोघरी में चार शव मिले हैं. प्रथम दृष्टया लग रहा है कि दो शव पुरुष के हो सकते हैं, जबकि एक शव लड़की का है. चौथा शव क्षत-विक्षक्त हालत में मिला है. यह भी प्रथम दृष्टया महिला का ही लग रहा है. इन सभी शवों को निकालने के बाद पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है.


परिजनों के पहले ही डीएनए टेस्ट करवा लिए गए हैं. डीएनए का मिलान कर इन शवों की पहचान करने की कोशिश की जाएगी. इन चार शव के मिलने की जानकारी जिला कुल्लू के प्रशासन को भी दे दी गई है. यहां सर्च ऑपरेशन में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होम गार्ड और वन विभाग के जवान लगे हैं.


सर्च ऑपरेशन में लगी है बड़ी टीम


जिला शिमला के समेज में एनडीआरएफ के 67, होमगार्ड के 69, आर्मी के 30 और सीआईएसएफ के 110 जवान लगाए गए हैं. इस तरह यहां कुल 301 लोग सर्च ऑपरेशन में लगे हुए हैं. यही नहीं, एनडीआरएफ के 33, एसडीआरएफ के 14, पुलिस के 10, होमगार्ड के 15 और वन विभाग के 12 जवानों को सतलुज नदी के आसपास सुन्नी तक सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है.


यहां अत्याधिक मलबा होने और बारिश की वजह से भी सर्च ऑपरेशन चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सर्च टीम की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लापता लोगों को ढूंढने का काम पूरा किया जाए. लापता लोगों के परिजन भी चाहते हैं कि उनके अपनों के शव ढूंढ लिए जाएं, ताकि कम से कम में उनका अंतिम संस्कार कर सकें.


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