Himachal News: हिमाचल में दिव्यांग छात्रों से वसूली जा रही फीस, खुलेआम उड़ाई जा रही हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां!
Himachal Pradesh Divyang Students: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से साल 2015 में दिए गए आदेशों के बावजूद कुछ शिक्षण संस्थान दिव्यांग बच्चों से फीस वसूल रहे हैं. ऐसे में मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है.
Himachal Pradesh High Court: हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालय स्तर तक दिव्यांगों के लिए शिक्षा बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती है. इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने साल 2015 में आदेश जारी किए हुए हैं. हाईकोर्ट के फैसले की धज्जियां उड़ाकर शिमला (Shimla) के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), कांगड़ा (Kangra) के टांडा स्थित राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज के साथ अन्य मेडिकल कॉलेजों में दिव्यांग विद्यार्थियों से फीस वसूली जा रही हैं.
हिमाचल प्रदेश में लंबे वक्त से दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने इस बारे में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर तुरंत संज्ञान लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन में संबंधित मेडिकल कॉलेजों ने दिव्यांग बच्चों की फीस वापस नहीं की, तो वह हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना का केस दायर करेंगे.
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया था फैसला
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव के अनुसार उनकी ही जनहित याचिका पर 4 जून, 2015 को जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने अपनी फैसले में स्पष्ट कहा था कि दिव्यांग विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्तर तक नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है.
अजय श्रीवास्तव के मुताबिक हाईकोर्ट ने कहा था कि विश्वविद्यालय स्तर तक दिव्यांग बच्चों से कोई भी फीस वसूल नहीं की जाएगी. हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले में टांडा मेडिकल कॉलेज और आईजीएमसी शिमला का तो साफ तौर पर उल्लेख है. इसके बावजूद जून 2015 के बाद नौ सालों में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज सैकड़ों दिव्यांग विद्यार्थियों से गैर-कानूनी ढंग से फीस वसूल चुके हैं.
हाईकोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन- अजय श्रीवास्तव
फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा कि वे समय-समय पर टांडा मेडिकल कॉलेज और आईजीएमसी शिमला के प्रबंधन के ध्यान में हाईकोर्ट का फैसला ला चुके हैं. इसके बावजूद हाईकोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन करके एमबीबीएस और अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को फीस देने पर मजबूर किया जा रहा है.
श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों समेत सभी चिकित्सा और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग विद्यार्थियों को हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए. इसके बावजूद सरकारी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, नर्सिंग कॉलेज और इंडस्ट्रियल ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान दिव्यांग बच्चों से फीस चार्ज कर रहे हैं.
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