Himachal Doctors Strike: खत्म होगी डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक, सरकार सभी मांगों पर करेगी विचार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों ने पेन डाउन स्ट्राइक खत्म करने का फैसला लिया है. अब डॉक्टर रोजाना की तरह काम करेंगे और मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
Doctor's Pen Down Strike: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों ने अब पेन डाउन स्ट्राइक खत्म (Doctor's Pen Down Strike) करने का फैसला लिया है. हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय में डॉक्टरों के साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक की. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी मौजूद रहे. बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉक्टरों की सभी मांगों को सुना.
'सरकार भी मांगों पर करेगी विचार'
बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जो डॉक्टर हड़ताल कर रहे थे, उनका नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस (Non Practicing Allowance) बंद नहीं किया गया है. बावजूद इसके डॉक्टर हड़ताल पर थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्य मांगों को भी सहानुभूति पूर्वक सुना है. सरकार सभी मांगों को पूरा करने पर विचार करेगी. कुछ मांगों को सरकार ने मान भी लिया है उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब नई भर्तियां होंगी. सरकार उस समय एनपीए देने पर विचार करेगी. फिलहाल के लिए सरकार ने एनपीए विड्रॉल किया है.
पेन डाउन स्ट्राइक होगी खत्म
वहीं, बैठक के बाद मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी मांगों को सहानुभूति पूर्वक सुना है. कुछ मांगों को सरकार ने मांग भी लिया है. अन्य मांगों पर भी सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करेगी. डॉक्टरों ने अब इस पेन डाउन स्ट्राइक को वापस लेने का फैसला कर लिया है. क्योंकि मुख्यमंत्री की कही हुई बात का मान होता है और वे उन्हें मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है.
क्यों शुरू हुई थी स्ट्राइक?
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से नई भर्ती होने वाले डॉक्टरों का नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस बंद करने का फैसला लिया गया है. इसी फैसले के विरोध में पहले से काम कर रहे डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक कर रहे थे. इन डॉक्टरों का मत था कि नई डॉक्टरों का नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस बंद होने की वजह से काम कर रहे डॉक्टरों और मरीजों पर नकारात्मक असर पड़ेगा. हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर पहले ही विचार करने की बात कह दी थी. इससे पहले डॉक्टर एसोसिएशन ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ बैठक की, लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही. शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया. इस बैठक में ट्रेनिंग कर रहे प्रशिक्षु के संघ को भी आमंत्रण दिया गया था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात कही है. बैठक के बाद डॉक्टरों ने वापस लेने का फैसला किया है.