Himachal Pradesh Earthquake: हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.1 की तीव्रता
Earthquake in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात 9 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र मंडी में था.
Himachal Earthquake: हिमाचल प्रदेश के बुधवार की रात 9 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. कई इलाकों में धरती हिल गई. इसका केंद्र मंडी में था. पंजाब के भी कई हिस्सों में झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, इसकी गहराई सतह से पांच किलोमीटर नीचे थी.
भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि राहत की बात यह है कि किसी भी इलाके में भूकंप की वजह से कोई जान-माल का नुकसान रिपोर्ट नहीं किया गया है.
भूकंपीय जोन चार और पांच में आता है हिमाचल
साल 1905 में कांगड़ा में 20वीं सदी का सबसे बड़ा भूकंप आया था. उस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी और और एक लाख से अधिक घर ढह गए थे. हिमाचल भूकंप की दृष्टि से ज़ोन-4 और 5 में आता है. साल 1975 में जिला किन्नौर में भी भूकंप आया था. जानकार मानते हैं कि अगर हिमाचल पांच से अधिक तीव्रता वाला भूकंप आ जाए, तो काफी नुकसान हो सकता है.
नवंबर में अलग-अलग राज्यों में आया भूकंप
बीते कुछ दिनों में देश के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और मध्य प्रदेश में इस महीने धरती हिली. दिल्ली-एनसीआर में शनिवार (12 नवंबर) को भूकंप आया. इससे पहले बुधवार (9 नवंबर) को झटके महसूस किए गए थे. 12 नवंबर को उत्तराखंड में झटके महसूस किए गए. शनिवार को प्रदेश में फिर दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेपाल में 6.3 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद बुधवार (9 नवंबर) को तड़के दो बजे लखनऊ और मध्य उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में तेज झटके महसूस किए गए थे, जिससे कई लोग अपने घरों से बाहर निकल गए थे. अमृतसर समेत पंजाब के कुछ हिस्सों में सोमवार (14 नवंबर) तड़के 3 बजकर 42 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे.
भूकंप क्यों आता है?
दरअसल, धरती की ऊपरी सतह टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी हैं. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं. जब प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं तो उससे अपार ऊर्जा निकलती है. उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है. कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और इसकी वजह से भूकंप आते हैं.
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