Himachal Pradesh News: नए वित्त वर्ष के पहले ही दिन हिमाचल प्रदेश की आम जनता को बिजली (Electricity) का जोरदार झटका मिला. हिमाचल विद्युत विनियामक बोर्ड ने बिजली की दरों में 22 पैसे की बढ़ोतरी की. मौजूदा वक्त में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल रही है. इसके बाद के इस्तेमाल पर घरेलू उपभोक्ताओं को हर यूनिट पर अतिरिक्त 22 पैसे चुकाने होंगे.
हिमाचल बीजेपी ने बिजली की दर बढ़ाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. हिमाचल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का वादा किया था. अब मुफ्त बिजली तो दूर, सरकार ने जनता को बिजली की दरें बढ़ाकर झटका देने का काम किया है. रणधीर शर्मा ने कहा कि सत्ता में आते ही कांग्रेस ने डीजल पर तीन रुपये वैट बढ़ा दिया था. इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सरकार जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि सरकार बिजली की दरें बढ़ाने का ठीकरा विनियामक बोर्ड पर फोड़ रही है, जबकि सरकार को ही बोर्ड को सब्सिडी देकर इन दरों को नियंत्रण में रखना था.
कहां गया 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा?
हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह दाम सरकार ने नहीं बल्कि विद्युत विनियामक बोर्ड ने बढ़ाए हैं. यह एक निहित प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया के तहत ही बिजली के दामों में बढ़ोतरी की गई है. सरकार की ओर से मिले इस जवाब के बाद जनता के बीच भी बिजली की दरें बढ़ाए जाने का विरोध देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी आम जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर कांग्रेस की 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा अब कहां गुम हो गया?
सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
चार दिन के अवकाश के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल बीजेपी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुकी है. सोमवार को दोपहर दो बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी. इससे पहले विपक्ष दोपहर एक बजे विधानसभा परिसर में विधायक दल की बैठक करने वाला है. इस बैठक में सदन के अंदर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार होगी. हिमाचल बीजेपी के विधायक सरकार को मुफ्त बिजली के वादे और अब बिजली की दरों में बढ़ोतरी के मामले में घेरने वाली है. हालांकि, यह नई सरकार का पहला बजट सत्र है. इसके बावजूद विपक्ष लगातार सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेर रहा है. इससे पहले विधायक निधि की आखिरी किस्त जारी न होने, संस्थानों को बंद करने और लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना में बदलाव के मामले में विपक्ष सरकार को घेर चुका है.