Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय कर्मचारियों की ओर से कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ की गई बयानबाजी उन्हें भारी पड़ सकती है. सुक्खू सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने इन सभी के खिलाफ प्रिविलेज मोशन यानी विशेष अधिकार हनन का नोटिस दिया है.
जानकारी के मुताबिक, विधानसभा सचिवालय ने इसे लेकर कार्रवाई भी शुरू कर दी है. जल्द ही इन पर कोई बड़ा एक्शन भी हो सकता है. मंगलवार तक विधानसभा का मानसून सत्र भी चलना है.
कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला है मोर्चा
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने 21 अगस्त को गेट मीटिंग की थी. इस गेट मीटिंग में राज्य सरकार से महंगाई भत्ता और संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग उठाई गई थी. यह काफी वक्त से लंबित है. इसी दौरान सरकार की कार्यप्रणाली, कार्यालय पर खर्च हो रहे धन और मंत्रियों को मिलने वाले टेलीफोन भत्ते के साथ सत्कार भत्ते पर भी सवाल खड़े किए गए थे.
इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी थी. इसके बाद ही कर्मचारियों ने राजेश धर्माणी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. यही नहीं, उन्हें किसी कर्मचारी के विरुद्ध बिलासपुर से बाहर आकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने तक की चुनौती दे दी गई थी.
किस-किस के खिलाफ है प्रिविलेज मोशन का नोटिस?
राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संगठन और सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा, महासचिव कमल किशोर शर्मा, सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष टेक राम, चालक संघ के अध्यक्ष अमर कुमार, पीए-पीएस संगठन के अध्यक्ष बोधराज चंदेल के विरुद्ध विशेष अधिकार हनन का नोटिस दिया है.
इससे पहले भी कर्मचारियों की बयानबाजी को लेकर सरकार ने इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कर्मचारी इसका जवाब दे चुके हैं. इसके अलावा मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार ने भी बद्दी पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज पर जासूसी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने भी इस संबंध में विशेष अधिकार हनन का नोटिस दिया हुआ है.
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