Himachal Pradesh Flood: 20 हजार पर्यटक हिमाचल में फंसे! सीएम सुक्खू की बढ़ी टेंशन, अब मंत्री समेत इन्हें सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी
बीते कुछ दिनों में लगातार हुई बारिश ने हिमाचल में भारी तबाही मचाई. प्रदेश को अब तक चार हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है. सुक्खू सरकार के सामने प्रदेश को इस संकट से उबारने की बड़ी चुनौती है.
Shimla News: सात महीने के छोटे से वक्त में ही हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार के सामने दूसरी बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है. सीएम सुक्खू के सामने हिमाचल प्रदेश को संकट से उबारने का बड़ा जिम्मा है. पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल पर बारिश से हुए नुकसान का अतिरिक्त बोझ आ पड़ा है. हिमाचल प्रदेश को बारिश से करीब चार हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है. हालांकि इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी ही सरकार के सामने रिपोर्ट पेश करेगी कि आखिर प्रदेश में कितना नुकसान हुआ. यह कमेटी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बनाई गई है.
चंद्रताल से पर्यटकों को रेस्क्यू करने की चुनौती
मौसम खुलने के बाद पहली चुनौती में सुक्खू सरकार पास होते हुए नजर आई. प्रदेश से करीब 50 हजार पर्यटकों को सुरक्षित बाहर भेजा गया, लेकिन अब भी 20 हजार पर्यटकों के अलग-अलग स्थानों पर फंसे होने की गुंजाइश है. कुल्लू और मनाली में अस्थाई रूप से बिजली मोबाइल कनेक्टिविटी को बहाल कर दिया गया है. जिला मंडी और कुल्लू में आम जन जीवन को व्यवस्थित करने में अभी भी लंबा वक्त लगेगा. इसके अलावा चंद्रताल में भी करीब 300 पर्यटक तीन दिन से फंसे हुए हैं. रेस्क्यू टीम इन पर्यटक को तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को मौके पर भेजा है. चंद्रताल से पर्यटकों को रेस्क्यू करना हिमाचल प्रदेश सरकार के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. हालांकि शुरुआत में छह पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के जरिए किया गया, लेकिन इसके बाद मौसम ने साथ नहीं दिया.
क्या केंद्र सरकार से सहयोग मिलेगा?
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार केंद्र से मांग उठा रही है कि हिमाचल प्रदेश में बारिश से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाए. राष्ट्रीय आपदा घोषित होने के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार को तबाही का नुकसान पूरा करने और आम जनजीवन को पटरी पर लाने में आर्थिक मदद मिलेगी. लेकिन, केंद्र की ओर से ऐसी ऐसे कोई संकेत मिलते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. फिलहाल न तो केंद्र की ओर से कोई आर्थिक मदद दी गई है और न ही इस बारे में कोई चर्चा की जा रही है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के सामने केंद्र सरकार से राहत पैकेज लाने की भी बड़ी चुनौती रहने वाली है. केंद्रीय वित्त पोषण पर चलने वाले हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं.