Jairam Thakur Visit Shimla: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने रविवार (30 जुलाई) को पहाड़ी राज्य के शिमला जिले के बारिश और बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. हिमाचल प्रदेश के मंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों के ग्रामीण कोटखाई, जुब्बल और रोहड़ू हिस्सों का दौरा किया, जो शिमला सेब उत्पादन का केंद्र भी हैं.


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शनिवार (29 जुलाई) को कहा कि 24 जून को हिमाचल प्रदेश में दस्तक देने के बाद से मानसून ने अब तक 187 लोगों की जान ले ली है. एचपीएसडीएमए के मुताबिक अब तक 34 लोग लापता हैं और 215 लोग घायल हुए हैं. राज्य में 702 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा 7161 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. बारिश और बाढ़ के कारण 241 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई है जबकि 2218 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई है.



'अब तक 5620.22 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है'
हिमाचल प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (HPSDMA) ने कहा कि अब तक 5620.22 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. राज्य में भूस्खलन की 72 घटनाओं के अलावा अचानक बाढ़ की 52 घटनाएं हुई हैं. तीन राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 650 से अधिक सड़कें बंद हैं. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य ने पिछले 75 वर्षों में सबसे भीषण बारिश और बाढ़ आपदाओं का सामना किया है. 


'केंद्र सरकार से तत्काल वित्तीय राहत की जरूरत है'
उन्होंने यह भी कहा कि बारिश से हुई क्षति के कारण राज्य को 8,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है. मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से तत्काल वित्तीय राहत की जरूरत है. केंद्रीय टीम ने राज्य का दौरा किया है.  हमने केंद्र सरकार से 2022-23 आपदा निधि के लंबित 315 करोड़ रुपये की मांग की है. नुकसान का अनुमान 8,000 करोड़ रुपये है. हम सड़क, बिजली और पानी को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं.


1616 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई है
बता दे कि यहां  592 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा 5265 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में 235 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई है, जबकि 1616 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई है. हिमाचल प्रदेश में रिकॉर्ड मानसून बारिश के कारण बड़े पैमाने पर जलभराव, सड़क धंसने, घरों के ढहने और यातायात बाधित होने के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 650 से अधिक सड़कें भी बंद हैं.


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