Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने को है, लेकिन पक्ष-विपक्ष के बीच गहमागहमी थमने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल, मंगलवार को सदन जब प्रश्नकाल के साथ शुरू हुआ तो बीजेपी (BJP) ने आउटसोर्स के मुद्दे पर नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग कर दी. वहीं जब विपक्ष की मांग स्वीकार नहीं हुई तो बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) के साथ बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरा. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस दौरान कांग्रेस सरकार को संवेदनहीन बताया और साथ ही सरकार पर राजनीतिक मकसद से काम करने का भी आरोप लगाया.


नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले पांच लाख नौकरियों का वादा किया, लेकिन उसका जिक्र तो बजट में नजर ही नहीं आया. इससे उलट सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों को हटाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें हटाने में लगी हुई है. उन्होंने कहा की देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसी स्थिति में भी सरकार हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे हजारों आउटसोर्स कर्मियों को हटाने का काम कर रही है. उन्होंने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार केवल राजनीतिक मकसद से काम कर रही है.


'अपने नेता को बचाने में लगे हैं CM सुक्खू'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के नौ सदस्यों ने इस मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव लाने की मांग रखी, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर जवाब देने की स्थिति में नहीं है ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया गया. जयराम ठाकुर ने इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भी निशाना साधा. जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का बजट सत्र चल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री संवैधानिक कार्यों को छोड़कर अपने नेता को बचाने में लगे हैं.  उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि एक ऐसे नेता जिन्हें कोर्ट से सजा हुई है, उन्हें बचाने के लिए कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री सूरत पहुंचते हैं. बीजेपी इसकी घोर निंदा करती है.


बीजेपी क्यों नहीं लाई ये पॉलिसी- मुकेश अग्निहोत्री
वहीं उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की और कहा कि 100 दिन बाद इन्हें आउटसोर्स कर्मियों की याद आ रही है. अग्निहोत्री ने पूछा जब बीजेपी सरकार थी तब इन्होंने आउटसोर्स कर्मियों के लिए पॉलिसी क्यों नहीं बनाई? आखिरी समय में बस सब-कमेटी का गठन कर दिया. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम सरकार ने जिस क्लीनवेज संस्था को आउटसोर्स कर्मियों का ठेका दिया था. सरकार इसकी सब गड़बड़ियों की जांच करवाएगी. 


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