Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद प्रतिभा सिंह का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था. समर्थक भी केंद्रीय आलाकमान से सामने होली लॉज को सातवीं बार मौका देने की मांग कर रहे थे, लेकिन यह मौका प्रतिभा सिंह की जगह सुखविंदर सिंह सुक्खू को मिला. विधायकों के समर्थन और आलाकमान के आशीर्वाद से सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के मुखिया बन गए. वहीं प्रतिभा सिंह के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी की राह में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी मुश्किल खड़ी की.


जयराम ठाकुर ने मंडी में पलटा पासा


जयराम ठाकुर ने न केवल अपने विधानसभा क्षेत्र को 38 हजार 183 के रिकॉर्ड मार्जिन से जीता. साथ ही उन्होंन जिला मंडी की कुल 10 सीटों में से नौ सीटों पर अपने प्रत्याशियों को जीत हासिल करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मंडी वही क्षेत्र है, जहां से प्रतिभा सिंह लोकसभा सांसद हैं. उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल सिंह को करारी शिकस्त दी थी, लेकिन एक साल के भीतर ही जयराम ठाकुर ने पासा पलट दिया और मंडी में कांग्रेस पार्टी केवल एक ही सीट जीत सकी. 


इस सीट पर भी कांग्रेस की जीत के आसार न के बराबर थे. क्योंकि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र बीजेपी के कद्दावर नेता महेंद्र सिंह का गढ़ माना जाता रहा, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र शेखर ने महेंद्र सिंह के इस किले को ध्वस्त कर दिया. हालांकि मंडी संसदीय क्षेत्र के जिला लाहौल स्पीति और जिला कुल्लू में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा.


रामपुर में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक


हिमाचल प्रदेश की रामपुर सीट पर भी कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा. रामपुर विधानसभा क्षेत्र वह इलाका है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का पैतृक घर है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी नंद लाल पर बीजेपी के युवा प्रत्याशी कौल सिंह नेगी भारी पड़ते नजर आए. बेहद नजदीकी मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी नंद लाल सिर्फ 567 वोट से ही जीत हासिल कर सके. रामपुर विधानसभा क्षेत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से निकले कौल सिंह नेगी को टिकट दिलाने में भी जयराम ठाकुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


मंडी की हार ने मुश्किल की होली लॉज राह!


पूर्व मुख्यमंत्री ने जिला मंडी में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाते हुए न केवल खुद को साबित किया, बल्कि होली लॉज की राह भी मुश्किल कर दी. जानकार मानते हैं कि प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री न बनाए जाने के पीछे मंडी जिले की हार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यदि मंडी में भी कांग्रेस का प्रदर्शन जिला कांगड़ा और जिला हमीरपुर की तरह ही होता, तो प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की रेस में और ज्यादा आगे होतीं.


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