Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर काबिज होकर दो बार मुख्यमंत्री बनने वाले प्रो. प्रेम कुमार धूमल की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है. हिमाचल प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने के लिए उन्हें प्रदेश भर में सड़कों वाले मुख्यमंत्री के नाम से भी जाना जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल राजनीति में आने से पहले जब एलआईसी में क्लर्क के पद पर तैनात थे. उस समय एक बस ड्राइवर की कही बात आज भी प्रेम कुमार धूमल के जहन में है. बात कुछ ऐसी थी कि वह धूमल के दिल में घर कर गई.
ढलान पर नहीं चढ़ पाती थी बस
हिमाचल प्रदेश की राजनीति को बेहद करीब से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रो. शशिकांत शर्मा बताते हैं कि प्रेम कुमार धूमल एलआईसी एजेंट रहते हुए अक्सर जालंधर से अपने घर आया करते थे. घर आने के लिए धूमल बस का इस्तेमाल करते थे. उनके घर के रास्ते की सड़क पर एक जगह ऐसी ढलान आती, जिस पर बस का चढ़ना मुश्किल हो जाता था. कई बार जब बस में भीड़ ज्यादा होती, तो कुछ यात्रियों को नीचे उतर कर बस को धक्का लगाना पड़ता था. कभी-कभी बस की छत पर सब्जियां होने की वजह से भी बस उस ढलान को पार नहीं कर पाती थी. एक बार जब बस की छत सब्जियों से भरे होने की वजह से बस ढलान को पार नहीं कर सकी, तो धूमल ने ड्राइवर से कहा कि जब बस चढ़ती नहीं है. तो इतनी सब्जियां बस की छत पर क्यों लदवा लेते हो.
'अच्छा नेता चुनो जिसे कम से कम सड़क की जानकारी हो'
इस पर बस ड्राइवर ने कहा कि मुझे यह बातें कहने से बेहतर है कि अच्छा नेता चुनो. जिसे कम से कम यह मालूम हो कि सड़क कैसे बनानी है. बस में कोई खराबी नहीं, सड़क की ढलान ही ऐसी है कि यहां बस चल ही नहीं पाती. बस ड्राइवर ने भले ही बात को सहजता से कहा हो, लेकिन प्रेम कुमार धूमल के जहन में यह बात उतर गई. पहले एलआईसी एजेंट और फिर प्रोफेसर बनने के बाद प्रेम कुमार धूमल की एंट्री जब हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हुई, तब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़कों का ऐसा जाल बिछाया कि आज भी प्रदेशभर की जनता उन्हें सड़कों वाले मुख्यमंत्री के तौर पर याद करती है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. धूमल की सड़कों को लेकर उनके विजन के पीछे शायद उस बस ड्राइवर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा.