Himachal Pradesh News: मणिकर्ण हुड़दंग मामले (Manikarna Huddang Case) में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार (Himachal Pradesh government) से जवाब तलब किया था. सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट  (Himachal Pradesh High Court) के समक्ष अपना जवाब दाखिल किया. सरकार ने जवाब में बताया कि मणिकर्ण और कसोल में हुड़दंगियों पर सीसीटीवी से पैनी नजर रखी जा रही है. सरकार ने संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 10 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है.


SIT कर रही मामले की जांच
साथ ही सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने मंदिरो घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की. हुड़दंगियों ने करीब 20 गाड़ियों में तोड़फोड़ की इससे करीब 9 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ. अदालत को यह भी बताया गया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है. यह एसआईटी मामले की जांच कर रही है. सरकार ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए बटालियन के जवान भी तैनात किए हैं.


हाईकोर्ट ने तलब किया था जवाब
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मणिकर्ण, बिलासपुर और मनाली में पर्यटकों के हुड़दंग पर हिमाचल प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया था. इस पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सरकार की ओर से 13 मार्च को जवाब दाखिल किया गया. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिर क्यों इन स्थानों पर जैसे हालात पैदा हो गए थे. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रमुख सचिव, हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक, डीसी कुल्लू, डीसी बिलासपुर, एसपी कुल्लू और एसपी बिलासपुर से जवाब तलब किया था. 


उच्च न्यायालय ने लिया था संज्ञान
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह जवाब तलब किया था. बीते दिनों मनाली, मणिकर्ण और बिलासपुर में पंजाब से आए कुछ पर्यटकों ने जमकर हंगामा किया था. इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ मारपीट भी की गई थी. इस पर अलग-अलग समाचार पत्रों और टीवी चैनल में प्रमुखता से खबरें प्रकाशित हुई. इन्हीं खबरों के आधार पर जनहित याचिका पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया था.


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